



शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- युवा कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के कृषि, बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालयों में वाइस–चांसलर नियुक्तियों में पारदर्शिता और संवैधानिक प्रक्रियाओं की रक्षा के लिए जिस निरंतर और संगठित संघर्ष को शुरू किया था, आज वह निर्णायक सफलता में बदल गया है।
Dr. YS Parmar University of Horticulture and Forestry, Nauni में वाइस–चांसलर नियुक्ति को लेकर युवा कांग्रेस ने प्रारंभ से ही यह तथ्य आधारित आपत्ति उठाई थी कि नियुक्ति प्रक्रिया न तो विश्वविद्यालय अधिनियम—1986 के प्रावधानों के अनुरूप थी और न ही चयन समिति का गठन ICAR के निर्देशों व अधिनियम की आवश्यकताओं के अनुसार किया गया था।


युवा कांग्रेस ने यह भी रेखांकित किया कि इसी प्रकार की खामियों के चलते हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने Palampur कृषि विश्वविद्यालय की VC नियुक्ति प्रक्रिया को “अवैध” घोषित करते हुए रद्द कर दिया था, जिससे यह सिद्ध हुआ कि नौणी विश्वविद्यालय की नियुक्ति प्रक्रिया भी समान रूप से त्रुटिपूर्ण थी।



इन्हीं कानूनी विसंगतियों को उजागर करते हुए युवा कांग्रेस ने पिछले एक वर्ष में प्रेस वार्ता, धरना–प्रदर्शनों, ज्ञापन सौंपने और राजभवन तक घेराव के माध्यम से यह मांग बुलंद की कि जब तक अधिनियम में स्पष्ट संशोधन नहीं होता, तब तक किसी भी प्रकार की नियुक्ति या विस्तार पूर्णतः असंवैधानिक और भ्रष्टाचार–उन्मुख होगी। युवा कांग्रेस राज्य अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर और महासचिव डॉ. रंजीत सिंह वर्मा ने इस मुद्दे को न केवल लगातार उठाया बल्कि प्रदेश भर के छात्रों, शोधार्थियों और युवाओं को इस आंदोलन से जोड़ा। परिणामस्वरूप यह विषय राज्यव्यापी जनचर्चा का हिस्सा बना।

आज यह युवा कांग्रेस के संघर्ष की सबसे महत्वपूर्ण जीत है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने Himachal Pradesh Universities of Agriculture, Horticulture and Forestry (Amendment) Act को पारित करते हुए VC नियुक्ति की समस्त प्रक्रिया को राज्य सरकार की “aid and advice” के आधार पर रखने का प्रावधान स्पष्ट कर दिया है। इसके साथ ही अधिनियम की धारा 2, 23, 24 में संशोधन तथा 55-A नामक नई धारा जोड़ते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि भविष्य में नियमों के अनुसार ही नियुक्तियां हों और किसी भी प्रकार की मनमानी या अवैध प्रक्रिया की गुंजाइश समाप्त हो। यह संशोधन गजट (01 दिसंबर 2025) में जारी होकर अब लागू हो चुका है, जिससे युवा कांग्रेस के सभी तर्क संवैधानिक रूप से मान्य सिद्ध हुए हैं।

युवा कांग्रेस स्पष्ट करती है कि यह जीत केवल एक विधेयक पारित होने की जीत नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के विश्वविद्यालयों, उनकी स्वायत्तता, छात्रों के भविष्य और उच्च शिक्षा की नैतिकता की जीत है। यह उन सभी युवाओं की भी जीत है जिन्होंने भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों के विरुद्ध निडर होकर आवाज़ उठाई। युवा कांग्रेस पूरी मजबूती से कहती है कि यदि लोकतंत्र में युवाओं की आवाज़ प्रभावी है, तो पारदर्शिता और न्याय अवश्य जीतते हैं। छतर सिंह ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का भी धन्यवाद किया है जिन्होंने छात्र–हितों को समझते हुए और युवा कांग्रेस की मांगों को स्वीकारते हुए संशोधन विधेयक को पारित कराया। आगे भी युवा कांग्रेस उच्च शिक्षा में पारदर्शिता, मेरिट–आधारित नियुक्तियों और संवैधानिक प्रक्रियाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की अनियमितता के विरुद्ध इसी प्रकार दृढ़ व तथ्य-आधारित संघर्ष जारी रखेगी।
















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