



हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के साथ हिमाचल प्रदेश में छः विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव घोषित किए जाने के बाद अब सबकी नजरें भाजपा व कांग्रेस के बागियों की अगली रणनीति पर टिकी हैं।
बड़ा सवाल सबके जेहन में यह तैर रहा है कि क्या भाजपा कांग्रेस के सभी बागियों को विधानसभा उपचुनाव में टिकट देगी या फिर अपनों पर ही फिर से दांव खेलेगी।
भाजपा कांग्रेस के बागियों को देगी टिकट या अपनों की ही उतारेगी मैदान में
हालांकि यह गुत्थी जल्द सुलझने वाली नहीं है। आनन फानन में विधानसभा उपचुनाव घोषित हो जाने से यह भाजपा के साथ कांग्रेस के बागियों के गले की फांस बन गया। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही भाजपा विधानसभा उपचुनाव के टिकटों पर भी जल्द फैसला ले सकती है।
जबकि लोकसभा की चार में से दो सीटों शिमला और हमीरपुर के लिए भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। अब मंडी और कांगड़ा के टिकट घोषित किए जाने बाकी हैं। साथ ही अयोग्य घोषित छह कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी टिकटों पर फैसला होना है।
हालांकि अभी हिमाचल में चुनाव के लिए सवा दो माह का समय हैं। जिसके चलते अभी टिकट घोषित करने के लिए काफी समय है। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा चुनावी तैयारियों को समय पर शुरू करने के लिए सभी टिकट जल्दी जारी कर सकती है।
अयोग्य घोषित कांग्रेस विधायकों की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिका पर जो भी निर्णय होगा, उसके दृष्टिगत ही भाजपा टिकटों पर फैसला कर सकती है।
उधर सियासी परिदृश्य में चर्चा है कि भाजपा कांगड़ा से कांग्रेस के बागी और अयोग्य घोषित विधायक सुधीर शर्मा को लोकसभा का टिकट देने पर भी विचार कर रही है। फिलहाल देखना यह है कि हिमाचल प्रदेश के बदले सियासी माहौल में कौन किस पर भारी पड़ेगा। जबकि बागियों के राजनैतिक भविष्य पर पूरी तरह से तलवार लटकी हुई है।
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