कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर उठाए सवाल

हमीरपुर(सुजानपुर)/विवेकानंद वशिष्ठ  :-   सुजानपुर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन ज्योति प्रकाश, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष लेखराज ठाकुर, जिला कांग्रेस महासचिव जोगिंदर ठाकुर, ब्लाक महासचिव डॉक्टर अशोक राणा और सुजानपुर ब्लॉक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमन अटवाल ने संयुक्त बयान जारी करके आरोप लगाया है।

सवा साल में जिला विकास में पिछड़ा, जन भावनाओं को पहुंची ठेस

कि जिले का मुख्यमंत्री होने के बावजूद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले सवा साल में जिला को विकास के मामले में हाशिए पर धकेल दिया है और विकास के काम रोकने के साथ-साथ जनता को भी अपमानित किया गया है। मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपने मित्रों पर ही मेहरबान रहे हैं जबकि चुने हुए विधायकों को अपमानित करने में उन्होंने कोई कसर नहीं रखी।

 

इन नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करके कहा कि सुजानपुर की जनता ने वह दौर भी देखा है, जब शिमला जिला से संबंधित मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सुजानपुर में विकास का परचम फहराया था। इससे पहले जिला से संबंधित मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने भी सुजानपुर के साथ-साथ जिला हमीरपुर को विकास में नई बुलंदियां प्रदान की थी। इन नेताओं ने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल जनता आज भी याद करती है लेकिन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कार्यकाल निराशा से भरा रहा है। उन्होंने विकास के मामले में इस जिला को हाशिए पर ही धकेला है। यहां की जनता से भी उन्होंने बराबर दूरी बनाए रखी है और सुजानपुर की जनता के साथ तो उन्होंने सौतेला सुलूक किया है।

 

इन नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि सुजानपुर से जीत की हैट्रिक बनाने वाले राजेंद्र राणा ने पिछले 23 साल से अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित कर रखा है और उन्होंने पार्टी, मजहब और वर्ग के मुद्दों से ऊपर उठकर सुजानपुर की जनता के साथ न केवल पारिवारिक रिश्ता काम किया है बल्कि जरूरतमंदों की मदद में भी वह हमेशा बढ़-चढ़कर आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सवा साल में मुख्यमंत्री द्वारा सुजानपुर की अनदेखी तो की ही गई, यहां के विधायक राजेंद्र राणा और यहां की जनता को जलील करने में भी मुख्यमंत्री ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री का अब तक का कार्यकाल एक काला अध्याय ही माना जाएगा। उन्होंने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह हिमाचल की गौरवपूर्ण संस्कृति से कतई मेल नहीं खाती।