लोकसभा चुनाव के लिए सीटू ने जारी किया, मजदूरों का घोषणापत्र

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  सीटू शिमला शहर का अधिवेशन कालीबाड़ी हॉल शिमला में सम्पन्न हुआ। लोकसभा चुनावों को लेकर सीटू की विचारधारा को मजदूरों तक पहुंचाने व *मोदी हटाओ देश बचाओ* अभियान को मजबूत करने के लिए इस अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन में होटल, सैहब, आईजीएमसी, एसटीपी, सुन्नी डैम, विशाल मेगामार्ट, टूरिस्ट गाइड, तहबजारी, कालीबाड़ी मंदिर, मेंटल अस्पताल, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, मनरेगा, निर्माण यूनियनों, किसान सभा, डीवाईएफआई व दलित शोषण मुक्ति मंच से जुड़े सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

 

अधिवेशन में विजेंद्र मेहरा, जगत राम, कुलदीप डोगरा, बालक राम, रमाकांत मिश्रा, सुनील मेहता, हिमी देवी, दलीप सिंह, निशा, देवराज बबलू, ओमप्रकाश, जगत राणा, भीमी शर्मा, विक्रम, जसवंत, प्रेम कायथ, अशोक ठाकुर, विवेक कश्यप, रंजीव कुठियाला, भूमि, दीप राम, रजनी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

अधिवेशन का उद्घाटन सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा व प्रदेश उपाध्यक्ष जगत राम ने अधिवेशन का समापन किया।

मोदी सरकार को सत्ता से हटाने का लिया संकल्प

उन्होंने वर्तमान समय के राजनीतिक हालात पर विस्तार से बात रखते हुए मजदूरों से मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने व भाजपा को हराने के आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब से पिछले दस साल से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से वह लगातार मजदूरों के अधिकारों पर हमले कर रही है। मोदी सरकार ने मजदूरों के लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बाद हासिल किए गए चबालिस श्रम कानूनों को समाप्त करके इन्हें मजदूर विरोधी व पूंजीपति परस्त चार लेबर कोडों में बदल दिया है।

ये लेबर कोड कॉरपोरेट जगत व उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाते हैं। इन्हें मजदूरों की जिंदगी को बंधुआ मजदूरी की तरफ़ ले जाने के लिए तैयार किया गया है। मोदी सरकार की कारगुजारियों के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है और मंहगाई आसमान छू रही है।

 

यहां तक कि गरीब लोगों के बच्चों को सेना के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने के रास्ते को बंद करने के लिए अग्निवीर योजना को लाकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। देश के प्राकृतिक व सार्वजनिक संसाधनों को मोदी सरकार द्वारा अपने चंद कॉरपोरेट मित्रों के हवाले किया जा रहा है।

 

लोगों के रोज़मर्रा के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार द्वारा धार्मिक मसलों को ढाल बनाया जा रहा है। जहां एक तरफ लगातार जनता पर जीएसटी जैसे टैक्स थोपे गए हैं वहीं पर कॉरपोरेट घरानों को लाखों करोड़ रुपयों की टैक्स व कर्ज़ा माफी दी गई है। इस से जाहिर होता है कि मोदी सरकार आम जनता की जेब पर भारी भरकम टैक्स का बोझ डालकर अपने चंद कॉर्पोरेट दोस्तों की तिजोरिया भरने के काम में लगी हुई है।

 

इस अंधी लूट से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए समय-समय पर धार्मिक मुद्दों पर देश का विभाजन करने की नापाक कोशिश की जा रही है। मोदी सरकार की इस लूट और तानाशाही के खिलाफ सीटू ने पूरे देश भर में आवाहन किया है कि देश को बांटने वाली मजदूर विरोधी, राष्ट्र विरोधी, जनता विरोधी मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जाए। इसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए मजदूरों का घोषणा पत्र जारी किया गया व लोकसभा चुनावों में भाजपा की मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया।