Search
Close this search box.

शहीद रोशन लाल अमर रहे के नारों से गूंजा टपरे गांव 

हमीरपुर (टौणी देवी)/विवेकानंद वशिष्ठ  :-   रुणाचल प्रदेश में 1963 में आदिवासी उग्रवादी संगठन से मुठभेड़ में अपने सात और साथियों के साथ शहादत का जाम पीने वाले टपरे गांव के शहीद रोशन लाल को सीआरपीएफ के जवानों और ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि अर्पित की तथा देश भक्ति के नारों से टपरे गांव गूंज गया।

1963 में शहीद गांव के रणबांकुरे को दी सीआरपीएफ और ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि

सभी ने अपने गांव के इस सपूत को याद किया। सीआरपीएफ के कैंप पिंजौर से पहुंचे जवानों ने शहीद रोशन लाल को सलामी दी तथा सीआरपीएफ के अधिकारियों की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

इस दौरान सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार डोगरा ने बताया कि 31 में 1963 को अरुणाचल प्रदेश के एक क्षेत्र में आदिवासी उग्रवादी संगठन के साथ सुरक्षा के दौरान आठ वीर सैनिक मुठभेड़ में शहीद हो गए थे और इनमें टपरे गांव के शहीद लांस नायक रोशन लाल भी शामिल थे।

इनका जन्म 26 अगस्त 1926 में हुआ था तथा वह शहादत के समय अपने पीछे धर्मपत्नी प्रेमी देवी के साथ ही एक बेटी को छोड़ गए थे । उनकी शहादत को देश आज भी याद करता है, वह अपने सात और अन्य साथियों के साथ शहादत का जाम पी गए थे।

सीआरपीएफ अपने इन्हीं रणवाकुरों को हमेशा शहीदी दिवस पर याद करती है और इसी कड़ी में आज उनके पैतृक गांव टपरे में भी शाहिद रोशन लाल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान उनकी उनकी बेटी को सम्मानित भी किया गया। शाहिद रोशन लाल की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता और उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा ।

 

शहीद रोशन लाल के शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ग्राम पंचायत टपरे के प्रधान दीवान चंद, बारीं पंचायत के प्रधान रविंद्र ठाकुर के साथ ही पंचायत के पूर्व प्रधान कर्म चंद चौहान, अजीत सिंह चौहान, वार्ड सदस्य ओमप्रकाश, त्रिलोक चंद, बबली के साथ ही टपरे गांव लोग मौजूद रहे तथा गांव के सपूत को याद किया गया।

 

नई पीढ़ी को भी इनकी शहादत से अवगत करवाया गया । जिससे युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कायम रहे। इस दौरान देशभक्ति से ओत प्रोत कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।