

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- पिछले हफ्ते राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला आनी में हुए घटनाक्रम की एसएफआई राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश कड़े शब्दों में निंदा करती है। एसएफआई का मानना यह है की जो घटनाक्रम आनी विद्यालय में हुआ जिसमें पांच शिक्षकों द्वारा एक छात्र की पिटाई की गई वह काफी चिंताजनक विषय है और मारपीट कभी भी किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता और खासतौर पर स्कूल में जब एक छात्र अपने सीखने के दौर में होता है।


तब उसके साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी रूप में सही नहीं हो सकता। एसएफआई का मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों व अध्यापकों के बीच का जो संबंध है वह एक दूसरे के प्रति विश्वासपूर्ण होना चाहिए। क्योंकि आर टी ई एक्ट 2009 के तहत स्कूलों में शिक्षण छात्र केंद्रित होना चाहिए ताकि छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके शिक्षकों का कार्य सुविधाप्रदाता के तौर पर होना चाहिए न की वह अपने अनुसार छात्रों की गतिविधियां नियंत्रित करें। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो जाता है।


कि स्कूल प्रशासन व स्कूल मैनेजमेंट के उपर छात्रों को विश्वास नहीं है जिस वजह से उन्हें प्रदर्शन व मीडिया के जरिए अपनी बात रखनी पड़ी। दूसरी तरफ इस घटनाक्रम के बाद स्कूल प्रशासन को सख्त कदम उठाने के बजाय छात्रों की बातों को अनसुना करते हुए प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी उच्च शिक्षा निदेशालय से यह मांग करती है की जो छात्रों द्वारा एसडीएम महोदय को जो शिकायत की है।



उस पर अभी तक कोई संज्ञान क्यों नही लिया गया और इससे साफ तौर पर यह प्रतीत होता है कि यह कहीं न कहीं दोषियों को बचाने का काम चल रहा है। एसएफआई यह मांग करती है कि इस पूरे घटनाक्रम की उचित जांच की जाए व आरोपी शिक्षकों व स्कूल प्रशासन पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए। अन्यथा एसएफआई पूरे राज्य भर में इसके खिलाफ आन्दोलन तैयार करेगी और आने वाले समय में उच्च शिक्षा निदेशालय का घेराव भी करेगी जिसका जिम्मेवार यह प्रशासन व प्रदेश की सरकार होगी।



