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हिमाचल प्रदेश में जितने भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं उसके पीछे मुख्यमंत्री स्वयं है : रणधीर

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   भाजपा के हमीरपुर चुनाव प्रभारी एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए कि हिमाचल प्रदेश में जितने भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं उसके पीछे मुख्यमंत्री स्वयं है। यह सारे भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहे हैं, यह सरकार निकम्मी है और प्रदेश एवं जनहित में काम नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय खुद भ्रष्टाचार के घेरे में है। जब एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के दो अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिन्होंने शांग-टांग कडछम विद्युत परियोजना में पटेल इंजीनियरिंग को प्रोजेक्ट में समय की बढ़ोतरी करने के लिए 25 करोड़ लिए और इसकी पुष्टि तब हुई जब कुछ दिनों बाद बोर्ड की बैठक में सच में इनके समय की बढ़ोतरी स्वीकृत कर दी गई, हमारे जांच की मांग उठने के बावजूद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच नहीं होने दी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आयदिन टेंडर घोटाले हो रहे हैं, और इस सरकार में इस प्रकार की घोटाले प्रतिदिन उजागर किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में सात करोड़ से ज्यादा की लागत के एक डिजिटाइजेशन टेंडर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे, लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड ने टेंडर अवार्ड कर दिया। प्री क्वालिफिकेशन स्टेज पर ही टेंडर कमेटी ने एमडी हेमिस नेगी की अध्यक्षता में फाइल पर रि-टेंडरिंग के लिए लिखा था। इसमें सभी नियमों को ताक पर रखते हुए 4 विदिताकर्ताओं में से 3 को रिजेक्ट करते हुए कंपनी को फायदा पहुंचाया गया। इस कंपनी का नाम आउटलाइन सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड था। कृषि विभाग के सचिव इस मामले में पूरी तरह दखल देते दिखाई दिए।

उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में अनेकों घोटाले सामने आए। स्मार्ट मीटर जिसके लिए केंद्र ने 1788 करोड़ स्वीकृत किए थे उसे टेंडर को 3100 करोड़ में आवंटित किया गया इससे भी घोटाले की बू रही है। दूसरी ओर आनन-फानन में बोर्ड की बैठक बुलाकर 175 करोड़ का टेंडर 245 करोड़ में आवंटित किया, जहां की वित्त विभाग द्वारा टेंडर कास्ट 40% बढ़ाने के ऑब्जेक्शन को भी दरकिनार किया गया। दूसरी ओर टेंडर को तीन बार फिर बुलाना चाहिए था, पर फिर भी सिंगल टेंडर को पहली ही बार में आवंटित कर दिया गया। सवाल यह उठता है कि इन अधिकारियों पर किसका जवाब है।

रणधीर ने शैरी कल्चर विभाग में जमीन घोटाले की जिक्र भी किस जिस पर एक आलीशान होटल को बनाया जा रहा है और एल 1 के बजाए एल 2 को टेंडर अवॉर्ड कर दिया गया।