हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में, हमीरपुर उपचुनाव में अपनी पराजय को भांपते हुए अराजकता पर उतर आई है। सुक्खू सरकार अपनी हार को सामने देख, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर धन बल और सत्ता का घोर दुरुपयोग कर रही है। हमीरपुर से जारी स्विफ्ट प्रेस विज्ञप्ति में जिला अध्यक्ष देशराज शर्मा और मंडल अध्यक्ष आदर्श कांत ने यह बात कही है।
प्रदेश में तानाशाही शासन: सुक्खू सरकार की अराजकता की हद
उन्होंने कहा कि हमीरपुर विधानसभा में व्यापारी, छोटे दुकानदार और सरकारी कर्मचारी आतंकित किए जा रहे हैं। यहाँ व्यापारियों के सैंपल लिए जा रहे हैं, उन्हें जीएसटी नोटिस भेजे जा रहे हैं और बेवजह चालान काटे जा रहे हैं। बीते सात दिनों में ही इन क्षेत्रों में 1000 से ज्यादा चालान काटे गए हैं। सरकार की मनमानी यहीं नहीं रुकती। सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है कि अगर उन्होंने वोट नहीं किया या उनकी पार्टी की लीड नहीं दिलाई तो उनका तबादला निश्चित है। आशा कार्यकर्ताओं और आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी दबाव बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभाव का चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए उपयोग हो रहा है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को भी प्रताड़ित किया जा रहा है और माफिया एवं असामाजिक तत्वों को खुली छूट दी जा रही है। यह सब इसीलिए किया जा रहा है क्योंकि प्रदेश सरकार को अपनी हार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है और वह छटपटा रही है। 10 जुलाई के बाद, विधानसभा में भाजपा का संख्या बल बढ़ेगा और हम इस तानाशाही एवं जनविरोधी कांग्रेस सरकार की नाक में नकेल डालेंगे। हिमाचल प्रदेश की जनता इस सरकार की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए भाजपा को समर्थन देगी। उन दोनों ने कहा कि सरकार की बौखलाहट स्पष्ट रूप से उनकी हार की आहट है।