
शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने हाल ही में राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा विद्यालयों को बंद करने बारे जारी की गई अधिसूचना का कड़े शब्दों में विरोध करती है तथा हिमाचल प्रदेश की सरकार से यह मांग करती है की इस अधिसूचना को जल्द से जल्द वापिस लिया जाए। एसएफआई राज्य कमेटी का मानना है।

कि एक ओर प्रदेश की सरकार सस्ती व अनिवार्य शिक्षा की बात कर रही है परंतु वहीं दूसरी तरफ स्कूलों को बंद करके शिक्षा के प्रति अपना नकारात्मक रवैया दर्शा रही है। हम तमाम लोग जानते हैं की इस देश के प्रख्यात शिक्षाविद व भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत में शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए अपने एक वक्तव्य में कहा था कि यदि हमें इस देश के हर एक नागरिक तक शिक्षा को पहुंचाना है

तो हमें गांव गांव में छोटे छोटे स्कूल खोलने होंगे और उन स्कूलों में मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा व्यवस्था प्रदान करनी होगी तब जाकर कहीं हम शिक्षा की पहुंच को आम आदमी तक पहुंचा पाएंगे। लेकिन वर्तमान समय में यदि हम देखें तो वर्तमान की सरकारें बिल्कुल उलट दिशा में कार्य कर रही है और यदि हिमाचल के परिपेक्ष्य में हम देखें तो यहां की जो भौगोलिक परिस्थिति है वह दूसरे राज्यों से काफी अलग है यहां हर एक छोटे से अंतराल के बाद एक पहाड़ी आती है तो ऐसे में यदि हमें शिक्षा की पहुंच को हर एक व्यक्ति तक पहुंचाना है।
तो हमें ज्यादा से ज्यादा स्कूल,महाविद्यालय व विश्वविद्यालय खोलने होंगे ताकि शिक्षा की पहुंच समाज के हर एक तबके तक पहुंच सके जो किसी कारणवश समाज में हाशिए पर है। लेकिन सरकारों की ऐसी नीतियां देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि इनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ शिक्षा का व्यापारीकरण निजीकरण व केंद्रीयकरण करने की है।
एसएफआई राज्य व केंद्र की सरकारों से यह मांग करती है कि इस तरह की नीति को देश व प्रदेश में लागू न किया जाए इससे केवल शिक्षा का निजीकरण व व्यापारीकरण होगा,जिससे एक आम गरीब तबके से आने बाला छात्र शिक्षा से दूर होगा। यदि इस तरह की नीति को देश व प्रदेश में लागू किया गया तो एसएफआई पूरे देश व प्रदेश में छात्रों को लामबंद करते हुए एक उग्र आंदोलन तैयार करेगी जिसकी जिम्मेवार देश व प्रदेश की सरकारें होंगी।
