हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- पूर्व निर्दलीय विधायक ने अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में अपने लिए 140 करोड़ के ठेके ले लिए, ऐसे लोग टिकाऊ नहीं पूरी तरह बिकाऊ है। ये बात हमीरपुर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने क्षेत्र में किए अपने रोड शो के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कही।
युवा वर्ग को ले जा रहे नशे की ओर, बच्चों के भविष्य सुरक्षित करने के लिए कांग्रेस को करें मतदान
उन्होंने कहा कि ये लोग कई बार युवा वर्ग को नशे की ओर धकेलते नजर आ चुके है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर क्षेत्र का विकास एवं युवा वर्ग को रोजगार से जोडऩे के लिए प्रदेश सरकार की कांग्रेस पार्टी को अपना मतदान करें। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक पूरे उपचुनाव में एक भी प्रशन का जबाव नहीं दे पाए है। वे अभी तक ये साबित नहीं कर पाए है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनके कौन से कार्यों को नहीं करते रहे। यही नहीं यदि उन्हें भाजपा के साथ ही जाना था तो उन्हें त्यागपत्र देने की क्या जरूरत थी, वे तो त्यागपत्र बिना भी भाजपा के एसोसिएट मैम्बर बन सकते थे।
उन्होंने कहा कि त्यागपत्र देना ये दर्शाता है कि उन्होंने हमीरपुर की जनता द्वारा दिए गए वोटों को रााजनीतिक मंडी में बेचा है। यही वजह है कि अब वे यहां वहां के बहाने बनाकर एक बार फिर हमीरपुर क्षेत्र की जनता से वोट मांगने का प्रयास कर रहे है। डॉ पुष्पेंद्र ने कहा कि हमीरपुर क्षेत्र की जनता पूरी तरह शिक्षित है और जनता अच्छे बुरे को भलि भांति पहचानती है। उन्होंने कहा कि पूरे चुनाव में निर्दलीय विधायक से ऐसे एक भी प्रशन का जबाव नहीं दिया गया है।
वे अपनी अवैध कार्यों की साख बचाने के लिए केवल एक ही बात करते रहे कि मुख्यमंत्री उनके काम नहीं करते थे, जबकि जनता के सामने ऐसे किसी एक काम का उल्लेख नहीं किया, जिसे मुख्यमंत्री ने मना किया हो। उन्होंने कहा कि जिस नेता प्रतिपक्ष जयराम के कहने पर हमीरपुर की जनता द्वारा दिए गए जनमत को इन्होंने त्यागपत्र देकर ठुकराया है, आज वही जनता इन्हें सबक सिखाने पर उतारू है।
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर तो केवल मुगेरी लाल के सपने देखकर निर्दलीय विधायक को गुमराह करते रहे। इन सबके राजनीतिक करियर की बलि केवल कांग्रेस सरकार को गिराकर स्वंय मुख्यमंत्री बनने के ख्आबों में दे दी, लेकिन ये लोग भी ऐसे स्वार्थी निकले कि इन्होंने अपने ही गृह जिला के मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिस रच दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता अपने मुख्यमंत्री के साथ खड़ी है, वजह ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री के हारने के बाद स्थानीय जनता ने महसूस किया है कि जिले का मुख्यमंत्री को खोना नहीं चाहिए।