हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :- पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज प्रस्तुत केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी द्वारा आपदा प्रभावित हिमाचल में पुनर्वास कार्यों के लिए बजटीय प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री का आभार प्रकट करते हुए इसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और आम जन जीवन को सहायता पहुँचाने की दिशा में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होने की बात कही है।
अनुराग ठाकुर ने कहा “विगत वर्ष प्राकृतिक आपदा से प्रभावित देवभूमि हिमाचल में क्षतिपूर्ति के लिए विशेष सहायता राशि प्रदान करने के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।
प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश को सदा ही अपना दूसरा घर माना है और कभी भी किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी। केंद्र सरकार की ओर से यह सहायता हिमाचल में सामूहिक प्रयास से राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और आम जन जीवन को सहायता पहुँचाने के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी”
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा“ हिमाचल में आपदा के दौरान मैंने 3 बार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हज़ार घर आवास योजना के अन्तर्गत व 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत मंज़ूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है तो आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किश्तों में ₹180 – 180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिये भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजनाअंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिये गये हैं”
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा” पिछले साल आपदा के समय आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मुख्यमंत्री जी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और सभी जरूरी मदद सुनिश्चित कराई। NDRF की 13 टीमों को बचाव नौकाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया।
नागरिकों की निकासी के लिए पोंटा साहिब में सेना के 1 पैरा एसएफ और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की 01 कॉलम भी तैनात की गई थी। इसके साथ ही बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के 02 एमआई-17 वी हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे जिससे समय रहते हजारों जानें बचाई जा सकीं। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी मदद दी गई”