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एसएफआई विश्वविद्यालय में हुए फर्जी प्रोफेसर भर्तियों में भ्रष्टाचार और उच्च न्यायालय के फैसले की आवेलना के खिलाफ

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-   राज्य कमेटी के आवाहन पर एस एफ आई शिमला जिला के कोटशेरा, संजोली, आर के एम बी, सावड़ा,संध्याकालीन विभाग व जिला के रामपुर, सावड़ा इकाई द्वारा छात्र मांगों को लेकर कैंपस में धरना प्रदर्शन किया गया।

प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि करोना काल में पूर्व कुलपति सिकन्दर कुमार द्वारा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्तियों को करवाया गया था। उसके बाद एसएफआई इन भर्तियों पर लगातार सवाल कर रही है और यह आरोप लगा रही है कि इन भर्तियो में काफी बड़े स्तर पर शैक्षणिक भ्रष्टाचार किया गया है। इन भर्तियो पर जब माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाया जाता है तो तीन प्रोफेसरस की भर्ती वहां पर रद्द की जाती है। जब उच्च न्यायालय द्वारा यह फरमान दिया गया कि ईसी की शक्तियों को वीसी कभी भी अपने हाथों में नहीं ले सकता। जिसके कारण यह तमाम भर्तियां संदेह के घेरे में है । इसीलिए एस एफ आई यह मांग करती है इन भर्तियों को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए और माननीय उच्च न्यायालय से यह अपील करते है इसके ऊपर एक कमेटी गठित की जाए ताकि इन भर्तियों की उचित न्यायिक जांच की जाए।

एस एफ आई काफी लंबे समय से महाविद्यालयों में PTA फीस के नाम पर फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रही है। एस एफ आई का यह मानना है कि छात्रों को मुफ्त में शिक्षा मुहैया करवाना सरकार का काम है। लेकिन वर्तमान समय में महाविद्यालय में जिस तरीके से PTA फीस के नाम पर अध्यापकों को रखा जा रहा है यह अभिभावकों की जेबों से पैसा वसूल करने का एक साधन मात्र है। जो की समावेशी शिक्षा व शिक्षा के मौलिक अधिकार के भी विरूद्ध है। जिसका एस एफ आई काफी लंबे समय से विरोध कर रही है। दूसरी और कॉलेज प्रशासन के पास भी PTA फीस का उचित ब्योरा नहीं है कि वो पैसा कहां इस्तेमाल हुआ है।

एस एफ आई शिमला जिला सचिव कमल शर्मा ने कहा कि हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। जब एक छात्र महाविद्यालय में आता है तो वह हमारे देश का पहला वयस्क होता है।
2014 में जब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी उस समय सरकार द्वारा छात्रों का जनवादी अधिकार SCA चुनाव छिना गया। लिंग दो कमेटी के अनुसार किसी भी राज्य में 4 साल से अधिक तक SCA चुनाव को बंद नहीं किया जा सकता । लेकिन 10 साल का समय होने को है लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक छात्रों का जनवादी अधिकार SCA चुनाव बहाल नहीं किया गया है। जिसको लेकर एसएफआई अभी भी संघर्षरत है।
अत: इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से एस एफ आई प्रदेश सरकार को यह चुनौती देना चाहती है कि अगर इन तमाम मुद्दों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में एसएफआई हिमाचल प्रदेश के समस्त छात्र समुदाय को लामबंद करते हुए एक उग्र आंदोलन करेंगी। जिसका जिम्मेदार प्रशासन व प्रदेश सरकार स्वयं होगी।