हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- राज राजेश्वरी शिक्षा महाविद्यालय भोटा में फैकल्टी एक्टेंशन लेक्चर की श्रंखला के तहत कविता धीमान द्वारा फैकल्टी एक्टेंशन लेक्चर दिया गया। कविता धीमान के व्याख्यान का विषय प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले था। उन्होंने बताया कि सावित्री बाई फूले भारत की पहली बालिका विद्यालय की संस्थापक तथा मुख्याध्यापिका रहीं।
सावित्री बाई फूले ने शिक्षा के साथ-साथ नारी सशक्तिकरण का नारा भी बुलंद करने का कार्य किया था। ये लड़कियों और समाज के बहिष्कृत वर्गों के लिए शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी थीं। उन्होंने 1948 में अपने पति ज्योतराव फूले के साथ मिलकर पिछड़े वर्ग व लड़कियों के लिए प्रथम स्कूल खोला था तथा अपने जीवनकाल में 18 विद्यालयों की स्थापना की।
उन्होंने अपने जीवन काल को एक मिशन की तरह जिया, जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छूआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वह एक कवियत्री थीं।
उन्हें मराठी की आदि कवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। संपूर्ण जीवन में उन्होंने महिला सशक्तिकरण के ऊपर जोर दिया व महिलाओं के प्रति समाज की सोच के बदलने में अहम भूमिका निभाई। समाज उनके बहुमूल्य कार्यों के लिए सदा उनका ऋणी रहेगा।
इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य डा. राज कुमार धीमान ने कविता धीमान का महान व्यक्तित्व पर बात करने के लिए धन्यवाद किया। इस व्याख्यान में डीएलएड के सभी प्रशिक्षु अध्यापक व संपूर्ण स्टॉफ उपस्थित रहा।