शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एस0 एफ0 आई0 हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल प्रदेश के राजकीय संस्थानों का 12 अगस्त को जारी एन0आई0आर0एफ0 की रेंकिंग में किसी भी विश्वविद्यालय का नाम न आने पर चिन्ता व्यक्त की है। एसएफआई का मानना है की भाजपा के शासनकाल में उच्च शिक्षण संस्थानों के बदस्तूर हालात थे, इस सरकार में भी बड़े जोरों से गर्त की ओर जा रहें है।
एसएफआई राज्य सचिव दिनित देंटा और राज्याअध्यक्ष अनिल ठाकुर ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के किसी भी राजकीय विश्वविद्यालय का रैंकिग में कोई भी स्थान प्राप्त न करना हैरानी का विषय है ।
रैंकिंग हासिल करने के मुख्य पांच व्यापक मापदंडों में शिक्षण, सीखना और संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता, एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए शामिल है। एसएफआई का मानना है की इन सब मानदण्डों को हासिल करना तो दूर उन मानदण्डों के खिलाफ प्रदेश के विश्वविद्यालयों में गतिविधियां होती है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 250 से भी ज्यादा फर्जी भर्तिया हुई हैं जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों और राज्य सरकार के नियमों को ताक पर रख कर भाजपा, आर0एस0एस0 के केडर को भर्ती किया गया है ,लोगों को खास कर प्रदेश के नौजवानों को उम्मीद थी की कांग्रेस सरकार कुछ न्यायिक जांच कराएगी लेकिन डेढ साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने से यह शिक्षक शरेआम ए0बी0वी0पी, आर0एस0एस0 व भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त हैं क्योंकि कोई पूछने वाला नही है।
पिछले ढाई वर्षों से कुलपति की न्युक्ति न होंना भी प्रदेश सरकार की नाकामी है। वर्तमान कुलपति की एक जिम्मेवारी धर्मशाला केन्द्रीय वि0वि0 जो सिर्फ आर0एस0एस0 का अडडा है और दूसरी जिम्मेवारी प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में है और किसी भी जगह इनका काम सही नही है। सरकार ने जो प्रतिकुलपति और डी0एस0 नियुक्त किए है वो बहुत से सीनियर प्रोफेसर को दरकीनार करके इन पोस्ट तक लाए गए है जिसका नतीजा यह है की ये लोग सही तरीके या पारदर्शिता से एक पी0एच0डी0 प्रवेश करवाने की काबलियत भी नहीं रखते है और अनायास बेचारे छात्र माननीय उच्च न्यायालय में मजबूरन आवेदन कर रहें है। और अपने बच्चों की पी0एच0डी0 में प्रवेश के लिए सीटे बड़ाते है, लोगों के बच्चों के लिए आरक्षित सीट को भी अनारक्षित कर देते तो समावेशिता, पादर्शिता की बात करना तो बेईमानी है।
जहां तक बात फर्जी भर्तियों की है तो हालात सरदार पटेल विश्वविद्यालय मण्डी के भी इसी तरह के है जिस व्यक्ति की 11 महीने में पी0ए0डी0 जमा कराने के खिलाफ एस0एफ0आई0 ने लड़ाई लड़ी उस आदमी को वहां पर सहायक नहीं बल्कि सह-आचार्य न्युक्ति किया गया फर्जी अनूभव के आधार पर और अब डीन आफ स्टडीज बनाया गया है।
एस0एफ0आई0 का सवाल है कि यह चल क्या रहा है रैकिंग तो दूर यह संस्थान अपना असतित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। रही सही कसर नेशलन एजूकेशन पाॅलसी-2020 ने पूरी कर दी है मतलब ये कांग्रेस सरकार की बैक्रप्सी ही है कि केन्द्र में राहुल गांधी एन0ई0पी0 की खिलाफत कर रहे है और हिमाचल में सुखू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बड़े जोरों शोरों से लागू कर रही है। प्रदेश की जनता को समझ नहीं आ रहा है कि सरकार है तो काॅग्रैस की लेकिन नीचे व्यवहारिकता में एजेंडें भाजपा और आर0एस0एस0 के लागू हो रहें है।
एस0एफ0आई0 हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने मांग की है कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति सुधारने पर विशेष ध्यान दे जिसमें सभी विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की तुरन्त योग्य लोगों की न्युक्ति करे, दोनों विश्वविद्यालयों में फर्जी भर्तियों की न्यायिक जांच करवाए, और नई शिक्षा नीति को बीना तैयारी के लागू न करे।