हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के वक्तव्य पर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष को अपनी बोल वाणी और भ्रामक राजनीतिक छींटाकसी से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
संदीप सांख्यान ने आगे कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को छींटाकसी से परहेज करना चाहिए
तकनीकी शिक्षा मंत्री एकदम साफ छवि के आदमी हैं। जबकि वर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के ऊपर पहले ही कई आरोप लग चुके हैं उनको बताना चाहिए कि जब वह माननीय प्रेम कुमार धूमल जी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे तो तत्कालीन विधानसभा चुनावों से पूर्व उनको क्यों हटाया गया, क्या इनके ऊपर अटल एम्बुलेंस सेवा 108 खरीद के आरोप नहीं लगे थे? वर्तमान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को यह भी बताना चाहिए कि जब पूर्व में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री क्यों नहीं बनाया गया, क्यों इन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया फिर वहां पर भी विधानसभा में भर्ती घोटाले के आरोप इन पर लग गए।
प्रदेश सरकार व राजेश धर्माणी पर टिप्पणी करने से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अपने गिरेबान में झांके
संदीप सांख्यान ने कहा कि वर्तमान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बताएं कि उक्त समय मे इन्होंने किन-किन अपने चहेतों को नौकरियां बैक डोर से विधानसभा में बांट दी। संदीप सांख्यान फिर से सवाल खड़े करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से पूछा है कि वह बताए कि क्या कारण था कि कोविड काल में साल 2020, मई माह में इस्तीफा इसलिए देना पड़ा क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच मेडिकल आपूर्ति में रिश्वतखोरी के एक मामले की जांच के बीच में उनका भी नाम आ गया। उन्हें याद रखना चाहिए कि पीपीई किट और सेनेटाइजर खरीद मामले में भ्रष्टाचार के एक ऑडियो क्लिप में दो लोगों को कथित तौर पर पांच लाख के रिश्वत के बारे में बातचीत हुई थी।
उस कालखंड में देश और प्रदेश कोरोना के संकट से गुजर रहा था ऊपर से उक्त घोटाले में आपका नाम आना किसी साफ-सुथरी राजनीति के संकेत नहीं थे। इतना ही नहीं बीते लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग ने प्रत्येक राजनीतिक दल को करीब 350 बड़े होर्डिंग लगाने की परमिशन दी थी लेकिन आपने केंद्रीय नेताओं को करीब सोलह होर्डिंग्स की बात कर दी वहां भी आपको दिल्ली तलब किया गया और वहाँ पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी भी प्रदेश की जनता जानना चाहती है।
भाजपा अध्यक्ष बताए कि बीते लोकसभा चुनावों के चलते पच्चीस हजार रुपये प्रतिमाह कमरे (स्टोर) किराए पर लिया गया और वहाँ पर भाजपा के अनुदान दाताओं से चुनावों में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के नाम पर राशन भी इक्कट्ठा किया गया। अब लोकसभा चुनावों में भाजपा के कार्यकर्ता तो फील्ड में थे पर वहाँ पर टनों के हिसाब से इक्कट्ठा किया गया राशन गया कहाँ?
संदीप सांख्यान ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के द्वारा उक्त पीपी किट और सेनेटाइजर घोटाले पर क्या प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता है। संदीप सांख्यान ने प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जो प्रदेश के कर्मचारी वर्ग में जो प्रतिरोध है उसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, मन्त्रीगण और प्रदेश सरकार चिंतित हैं।
और एक व्यापक समाधान की तरफ बढ़ रहे हैं उसकी आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन आपको प्रदेश के स्वच्छ छवि और ईमानदार व्यक्तित्व वाले प्रदेश तकनीकी शिक्षा मंत्री पर और प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।