हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) हिमाचल प्रदेश का 45वां प्रदेश अधिवेशन गौतम कॉलेज, हमीरपुर में संपन्न हुआ। इस तीन दिवसीय अधिवेशन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए छात्रों, कार्यकर्ताओं और शिक्षा क्षेत्र के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
अधिवेशन में हिमाचल प्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य पर प्रस्ताव पारित।
अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के शिक्षा जगत में आ रहे बदलावों और चुनौतियों पर चर्चा करना और इन पर एक ठोस कार्ययोजना तैयार करना था। अधिवेशन के अंत में अभाविप की नव प्रदेश कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।
अधिवेशन की प्रमुख बातें और प्रस्ताव:
अभाविप के इस अधिवेशन में राज्य के मौजूदा शैक्षणिक परिदृश्य पर गहन चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों में प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, छात्रों के समग्र विकास के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देने और नए रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों की शुरुआत के सुझाव शामिल थे। अधिवेशन के दौरान युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों से परिचित कराते हुए उनमें नेतृत्व क्षमता के विकास पर भी जोर दिया गया।
अधिवेशन के दौरान वक्ताओं ने प्रदेश में शिक्षा प्रणाली के सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा को आधुनिक तकनीकी साधनों के साथ जोड़ने पर भी विचार किया गया। यह निर्णय लिया गया कि अभाविप आने वाले वर्षों में प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में डिजिटल सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेगा। इसके अलावा, स्थानीय भाषा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी अभाविप ने संकल्प लिया।
नव प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा:
अधिवेशन में अभाविप हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई। कार्यकारिणी में प्रदेश के विभिन्न जिलों के अनुभवी और उत्साही छात्रों का चयन किया गया, जो आने वाले वर्ष में संगठन को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेंगे। नव-निर्वाचित कार्यकारिणी ने यह संकल्प लिया कि वे प्रदेश के सभी छात्रों को संगठन से जोड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रीय मुद्दों पर भी हुई चर्चा:
अधिवेशन में राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने अभाविप के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि यह संगठन न केवल छात्रों के शैक्षणिक उत्थान के लिए बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। अभाविप ने हमेशा युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया है, और इस अधिवेशन में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि संगठन शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी अपनी भूमिका निभाता रहेगा।
प्रदेश के छात्रों का योगदान और उनके लिए योजनाएं:
अधिवेशन में यह भी निर्णय लिया गया कि अभाविप, प्रदेश के छात्रों को उनकी शिक्षा और करियर संबंधी कठिनाइयों में मदद के लिए कई नई योजनाएं लाएगा। इसमें विभिन्न करियर गाइडेंस प्रोग्राम, स्कॉलरशिप और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेमिनार शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, समाज के वंचित वर्ग के छात्रों के लिए विशेष योजनाओं पर भी कार्य करने की योजना बनाई गई।
अधिवेशन का समापन और भविष्य की योजनाएं:
तीन दिवसीय अधिवेशन का समापन एक उत्साही और प्रेरणादायी माहौल में हुआ। समापन सत्र में अभाविप के वरिष्ठ नेताओं ने छात्रों को प्रदेश और राष्ट्र के विकास में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य न केवल छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। संगठन ने यह वचन दिया कि आने वाले समय में अभाविप हिमाचल प्रदेश के छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
45वें प्रदेश अधिवेशन का सफलतापूर्वक संपन्न होना हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अभाविप की नई कार्यकारिणी प्रदेश में शिक्षा को और सशक्त बनाने के लिए संकल्पित है, और यह उम्मीद है कि भविष्य में हिमाचल प्रदेश के छात्र संगठन के इन प्रयासों से लाभान्वित होंगे।