राष्ट्रवादी संस्थाएं घुसपैठियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध: भाजपा

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- भाजपा ने आज कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर उनके निराधार “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर तीखा हमला बोला। एक संयुक्त बयान में, जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर और महामंत्री अजय रिंटू व राजेश सहगल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर अपनी पुरानी आदत पर लौट आई है कि जब भी उसे हार का आभास होता है, वह रोना-धोना शुरू कर देती है।

 

कांग्रेस और उसके सहयोगी बेशर्मी से कर रहे उनका बचाव

 

भाजपा नेताओं ने याद दिलाया कि यह वही कांग्रेस है जो 2024 के आम चुनाव के नतीजों के बाद मिठाइयाँ बाँट रही थी और पटाखे फोड़ रही थी। कोंग्रेसी नेता उस समय 99 सीटें जीतने और भाजपा को 250 से नीचे रखने का दावा कर फूले नहीं समा रहे थे।

 

 

उन्होंने कहा, “तब वोट चोरी कहाँ थी? जब वे तेलंगाना और कर्नाटक में जीते थे, तो चुनाव आयोग उनके लिए लोकतंत्र का मंदिर था। लेकिन जैसे ही महाराष्ट्र के बाद उनका पतन स्पष्ट हुआ, वे उन्हीं संस्थानों को गाली देने लगे जिनके लिए उनके मुँह से कभी कोई बुरे शब्द नहीं निकलते थे।”

 

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसकी सबसे करीबी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) फर्जी मतदाताओं के गोरख धंधे में गले तक डूबी हुई है और मतदाता सूचियों के चल रहे पुनरीक्षण अभियान से फर्जी मतदाताओं के बाहर होने से घबराई हुई है।

 

 

“इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सबसे ज़्यादा शोर राजद के नेताओं के हवाले से आ रहा है – एक ऐसी पार्टी जो फर्जी वोटों पर फलती-फूलती है। और कांग्रेस पार्टी बिहार में अपनी खोई हुई राजनितिक जमीन ढूंढ़ने ले लिए राष्ट्रीय जनता दल के हाथों की कठपुतली बनकर नाच रही है। अब जब उनकी छल-कपट की दुकान बंद हो रही है, तो दोनों दल बेकार का हो-हल्ला मचा रहे हैं।”

 

राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए, भाजपा नेताओं ने कहा कि जब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ता है, तो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं को गाली देना उनकी आदत बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि, “राहुल गांधी ने खुद को एक ऐसे राजनीतिक रोने वाले बच्चे में बदल दिया है जो खुद को छोड़कर हर किसी पर दोष मढ़ता है।

 

 

कांग्रेस इस तथ्य को पचा नहीं पा रही है कि भारत के लोगों ने उन्हें बार-बार खारिज किया है, और इसलिए वे षड्यंत्र के सिद्धांत गढ़ रहे हैं। “इंडी” गठबंधन बिहार में अपनी अपमानजनक हार का पूर्वानुमान लगा चुका है, और हताशा में अपने डूबते जहाज को बचाने के लिए इसके सभी नेता झूठ का सहारा ले रहे हैं।”

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान करना बंद करना चाहिए और जमीनी हकीकत को स्वीकार करना चाहिए – भारत के लोगों को उन पर कोई भरोसा नहीं रहा है।