हिमाचल/हमीरपुर :- हिमाचल प्रदेश के सबसे छोटे जिले के नाम से जाना जाने वाला जिला हमीरपुर इसलिए भी खास है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिला हमीरपुर के ही रहने वाले हैं हमीरपुर जिला भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी हमीरपुर के ही रहने वाले हैं।
यह एक भाग्य की बात है कि छोटा सा जिला हमीरपुर ने दोनों दिग्गज पार्टियों के मुख्यमंत्री दिए
हमीरपुर के लोगों के लिए या दुर्भाग्य की बात है कि उन्होंने अपना मुख्यमंत्री एक बार तो हरा दिया और दूसरी बार फिर कुछ महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति के लोग मुख्यमंत्री को हटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं।
प्रबल रहा इस बार हमीरपुर का भाग्य
राजनीति में महत्वाकांक्षा इतनी बड़ी भी नहीं होनी चाहिए की अपने मंत्री पद लिए मुख्यमंत्री की ही आहुति दे दी जाए। जहां हिमाचल के विभिन्न जिलों से राजनेताओं ने हमीरपुर के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का समर्थन किया तो वही हमीरपुर के राजनेताओं ने अपने मुख्यमंत्री का समर्थन नहीं किया। एक बहु प्रचलित लोग कहावत है ?
जाकर राखे साइयां मार सके ना कोई
हिमाचल के लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से कुछ नाराज दिख रहे हैं। बात चाहे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हो या भाजपा के कार्यकर्ताओं की हो सब की जुबान पर एक ही बात चल रही थी कि जो कुछ भी घटित हुआ वह इस बार नहीं होना चाहिए था। यदि नाराजगी थी तो पार्टी के अंदर लड़ाई लड़ते लोग सब समझते हैं लेकिन कुछ जयचंदों की वजह से हमीरपुर के लोगों को हर बार अपने मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़े यह बर्दाश्त से बाहर है।
हमीरपुर की आम जनता का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर का मान फिर से लौटाया है और हम इसे खोना नहीं चाहते। पार्टी चाहे कोई भी जीते बीजेपी या कांग्रेस लेकिन मुख्यमंत्री हमीरपुर का होना हमीरपुर बासियों के लिए गर्व की बात है।
पार्टी भी एक परिवार है परिवार में कोई नाराजगी हो तो परिवार को नहीं छोड़ते बल्कि उससे जो समस्या आ रही है उस का समाधान परिवार के सदस्यों के साथ मिल बैठकर कर किया जाता है। परिवार से नाराजगी हो सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप वहां से निकलकर अपने परिवार को ही मिटाने की कोशिश करें।
ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं हिमाचल के लोग
हिमाचल में यह पहली बार हुआ है। इसलिए लोग इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं लोगों का कहना है कि हम अपने प्यारे हिमाचल को देश के अन्य राज्यों की तरह नहीं बनने देना चाहते जहां पर कुर्सी की लालच के लिए राजनेता एक दल छोड़कर दूसरे दल में चले जाते हैं। हिमाचल के लोग भोले भाले और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं हिमाचल में ऐसे राजनेताओं के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है।
राजनीति भी एक रंग मंच है। जो अपने अभिनय को सही ढंग से निभा गया वह नायक बन जाता है लोगों के दिलों में हमेशा के लिए राज करता है चाहे वह राजनीति हो या अपना परिवार।
लोग अक्सर ऐसा कहते हुए सुन जा सकते हैं कि
जो इंसान अपने परिवार, अपने गांव, अपने शहर का नहीं हुआ वह किसी का नहीं हो सकता।
हिमाचल की जनता सब जानती है आने वाला उन का भविष्य कैसा होगा यह तो भविष्य के ही गर्भ में छिपा है