खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता बढ़ाएगी ₹24,000 करोड़ पीएम धन धान्य योजना: अनुराग सिंह ठाकुर

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल शुरू किए जाने वाले प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के माध्यम से देश को खाद्यान्न (दलहन) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की बात कही है।

 

 

देश के 100 ज़िलों में मेरे संसदीय क्षेत्र बिलासपुर का चयन, हमारे लिए सुनहरा अवसर: अनुराग सिंह ठाकुर

 

 

 

इसके साथ ही अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अन्तर्गत देशभर के चयनित 100 ज़िलों में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले के चयन को हिमाचल के लिये एक सुनहरा अवसर बताया है।

 

अनुराग ठाकुर ने कहा “ कृषि व कृषक हितैषी मोदी सरकार द्वारा अन्नदाता के आर्थिक सशक्तिकरण व उनकी खुशहाली को सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के हितों में जितने कदम उठाए हैं उतना पिछले 70 सालों में कोई सरकार नहीं कर पाई।

 

 

भारत की खाद्यान्न विशेषकर दालों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कल आदरणीय प्रधानमंत्री ₹24,000 करोड़ की पीएम धन धान्य स्कीम योजना की शुरुआत करेंगे। कृषक व भारत हित में विगत जुलाई माह में मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक ने 6 वर्ष के लिए इस योजना की मंज़ूरी दी थी।

 

 

 

इस योजना का मकसद 2030-31 तक दलहन की खेती का क्षेत्रफल 27.5 मिलियन हेक्टेयर से बढ़ाकर 31 मिलियन हेक्टेयर करना है। पीएम धन धान्य कृषि योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने से लेकर कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी पर जोर दिया जाएगा”

 

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि भारत सरकार ने पीएम धन-धान्य योजना का सालाना बजट 24,000 करोड़ रुपये रखा गया है जिसके अन्तर्गत अगले छह वर्षों में कुल मिलाकर लगभग ₹1.44 लाख करोड़ का निवेश होगा। छह वर्षों तक चलने वाली इस योजना में 11 अलग-अलग मंत्रालयों की 36 केंद्रीय योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा।

 

 

इस योजना का उन 100 जिलों को मिलेगा, जो अन्य जिलों की तुलना में पिछड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री धनधान्य योजना के अंतर्गत मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर ज़िले को देशभर के 100 जिलों में सम्मिलित किया जाना हम सब के लिये एक सुनहरा अवसर है।

 

 

इस योजना का उद्देश्य इन जिलों में कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों में समग्र विकास को तेज करना है जहां किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाली बीजें, फसल विविधीकरण के लिए सहायता, जल और मिट्टी के संरक्षण के उपाय, हर पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई व्यवस्था को और दुरुस्त करना, और सस्ते व सुलभ कृषि ऋण की सुविधा जैसे कई पहलुओं पर काम किया जाएगा।

 

 

इनका सीधा असर देश के किसान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रीन एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा। ये फैसले न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होंगे।