युद्धोन्मुखी पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ सेमिनार का आयोजन

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  सी पी आई एम जिला कमेटी शिमला ने इजरायल द्वारा पिछले दो सालों में किए गए फिलिस्तीनी जनता के नरसंहार व युद्ध में मारे गए हजारों बेगुनाह लोगों के नरसंहार की हत्या दमन, अमरीकी साम्राज्यवाद की युद्धोन्मुखी पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ शिमला के कालीबाड़ी हॉल में एक सेमिनार का आयोजन किया।

 

सेमिनार को पार्टी नेता कॉमरेड राकेश सिंघा, विजेंद्र मेहरा व जगत राम ने संबोधित किया। सेमिनार में कॉमरेड कुलदीप तंवर, फ़ालमा चौहान, जगमोहन ठाकुर, राम सिंह, बालक राम, महेश शर्मा, सन्नी सिकटा, विवेक कश्यप, कमल शर्मा, अमित कुमार, सुनील मेहता, डॉ राजेंद्र चौहान, डॉ विजय कौशल, रमाकांत मिश्रा, सुनील वशिष्ठ, हिमी देवी, राम प्रकाश, रंजीव कुठियाला, प्रताप चौहान, कपिल नेगी, पूर्ण चंद, नीलकंठ, विकास, नोख राम, निशा, योगी, मुकेश, आशीष, अंकुश आदि ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में इजराइल द्वारा फिलिस्तीन पर लगातार हमले, संयुक्त राष्ट्र संघ निर्देशों, युद्ध के नियमों व मानवीय संवेदनाओं को नजरअंदाज करके गजा पर निरंतर हमले इतिहास की सबसे बड़ी क्रूरताओं में से एक रहा है। इस दौरान गजा में राशन व एंबुलेंस जैसी मानवीय मदद तक रोक दी गई थी।

 

इजरायल की स्थापना वर्ष 1948 में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की मदद से लगभग 7 लाख 50 हजार फिलिस्तीनियों को जबरन निष्कासित करके उन्हें शरणार्थी बनाकर फिलिस्तीन की भूमि पर की गई। इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों के चलते सत्तर हजार के करीब फिलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें आधे से अधिक बच्चे और महिलाएं हैं। इजरायल द्वारा अस्पतालों, स्कूलों, शरणार्थी शिविरों और संयुक्त राष्ट्र की इमारतों पर हमले किए गए। इजरायल अमेरिकी साम्राज्यवाद की मदद से इन हमलों को अंजाम देता रहा है। अमेरिका ने इसराइल को सैंकड़ों अरब डॉलर की मदद की है। वर्ष 2016 से अमेरिका द्वारा इसराइल को प्रतिवर्ष 3.8 अरब की सैन्य मदद की जाती रही है। अगस्त 2024 में सैन्य उपकरण खरीदने के लिए 5.3 अरब डॉलर की मदद अमेरिका द्वारा इजराइल को दी गई। इजराइल ने गजा की जनता पर कहर ढाया है। फिलिस्तीन राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष करता रहा है। वेस्ट बैंक में इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर पांच सौ से अधिक बार हमले किए गए हैं। वहां रहने वाले हजारों फिलिस्तीनि इन हमलों में मारे जा चुके हैं। 26 जनवरी 2024 को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला दिया था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का लगातार कब्जा अवैध है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। इस फैसले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश इजराइल को युद्ध सामग्री सहायता देना जारी रखा। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी इसराइल लगातार फिलिस्तीन पर हमले करता रहा। इसराइल लेबनान और अमन पर भी हमला करता रहा है जो विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा है। इजरायल ने ईरान पर भी लगातार हमले किए। अमरीका भी ईरान पर इन हमलों में शामिल हुआ।

भारत ने हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थन किया है और भारत हमेशा फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा रहा है। हमारा देश आजादी के बाद से लगातार इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों व उसकी धरती पर कब्जा करने का विरोध करता आ रहा है।
भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों की निंदा करने का बयान तक नही दिया। फिलिस्तीन में इजराइली हमलों को रोकने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में लाए गए प्रस्ताव पर मोदी सरकार द्वारा तटस्थ रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। भाजपा सरकार का यह फैसला भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ है व अमरीका का जूनियर पार्टनर बनने का संकेत देता है। मोदी सरकार ने इजरायली हमलों की निंदा इसलिए नहीं की क्योंकि अदानी ने इजरायली हथियार कंपनियों और बंदरगाहों में बहुत बड़ा निवेश किया है। एडिल कंपनी और अडानी मिलकर हैदराबाद में हथियार और ड्रोन बना रहे हैं। भारत से इसराइल को यही हथियार निर्यात किए जाते रहे हैं। अडानी की कंपनियां हथियार के निर्यात में शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी इसलिए इजरायल के खिलाफ बयान नहीं दे पाए।