



हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने हमीरपुर के बड़सर में सरदार@150 यूनिटी मार्च में हिस्सा लेकर लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के देश निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को याद किया।

इस अवसर पर बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें अनुराग ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।



इस मौके पर बड़सर से ही पूर्व विधायक बलदेव शर्मा ने अनुराग ठाकुर को बिहार चुनावों में जीत की बधाई दी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर सहित जिला भाजपा के पदाधिकारी और बड़सर विधानसभा के दोनों मंडलों के सदस्य भी मौजूद रहे।




सरदार@150 यूनिटी मार्च में हिस्सा लेते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा: “पटेल जी ने भारत के एकीकरण के लिए 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोने का ऐतिहासिक कार्य किया था, जिससे आज का अखंड भारत अस्तित्व में आया। गुजरात के एकता नगर में स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ न केवल सरदार पटेल की स्मृति का प्रतीक है, बल्कि भारत की अदम्य एकता का परिचायक भी है।
आज देश लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। सरदार पटेल ने प्रशासनिक व्यवस्था की नींव रखी और आज का भारत उनके दृष्टिकोण का परिणाम है।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे एकता, अनुशासन और राष्ट्र समर्पण की भावना से देश सेवा करें। उन्होंने कांग्रेस पर सरदार वल्लभभाई पटेल को पूरी तरह अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गांधी नेहरू परिवारों को ही भारत रत्न जैसे सम्मान प्रदान किए गए जबकि सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेता को उनकी मृत्यु के 41 वर्ष के बाद भारत रत्न दिया गया।”
इस अवसर पर अनुराग ठाकुर ने सभा में उपस्थित सभी युवाओं और अन्य लोगों को स्वदेशी अपनाने व अपने देश, समाज, गाँव, परिवार व स्वयं को नशामुक्त बनाने का संकल्प दिलवाया।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरदार पटेल की विरासत उनकी व्यावहारिकता, दृढ़ इच्छाशक्ति और अखंड भारत के निर्माण में उनके अद्वितीय योगदान से परिभाषित होती है।
हालाँकि उनकी उपलब्धियाँ अभूतपूर्व हैं, लेकिन दशकों से चली आ रही राजनीतिक साजिशों की वजह से, जिस पार्टी के निर्माण में उन्होंने योगदान दिया था, उसी पार्टी ने उनके योगदान को हाशिए पर डाल दिया।

हाल के वर्षों में, भारतीय जनता पार्टी ने उनकी विरासत को पुनः प्राप्त करने और उसे उजागर करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है, जिससे भारतीय इतिहास में “लौह पुरुष” के चिरस्थायी महत्व को रेखांकित किया गया है।















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