



सञ्जौली/शिमला :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) सञ्जौली महाविद्यालय इकाई द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था एवं छात्र हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए एक ज्ञापन प्राचार्य के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले 76 वर्षों से छात्र हितों के लिए निरंतर कार्य करता आ रहा है और प्रदेश में शिक्षा से जुड़े विषयों पर रचनात्मक संवाद तथा समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में आज परिषद ने 11 महत्वपूर्ण मांगों का मुद्दा उठाते हुए ज्ञापन सौंपा।



मुख्य मांगें इस प्रकार रहीं:



1. छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएँ।
2. सत्रों में हो रही देरी को रोकते हुए विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर नियमित किया जाए।

3. कृषि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर भूमि, जिस पर राज्य सरकार अधिसूचना के माध्यम से अधिग्रहण कर रही है, को वापस लिया जाए।
4. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, नौणी तथा अन्य संस्थानों में विद्यार्थियों हेतु सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
5. धर्मशाला में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाए तथा भूमि संबंधी अड़चनें दूर की जाएँ।
6. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का सही रूप में क्रियान्वयन किया जाए।

7. प्रदेश से हो रहे प्रतिभा पलायन को रोकने हेतु विश्वविद्यालयों में पारदर्शी तथा योग्य नियुक्तियाँ सुनिश्चित की जाएँ।
8. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा श्री पुष्पक विश्वविद्यालय में मूल्यांकन प्रक्रिया को सुगम एवं पारदर्शी बनाया जाए।
9. प्रदेश के 100 विद्यालयों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में परिवर्तित करने के बजाय हिमाचल प्रदेश विद्यालय शिक्षा बोर्ड को मज़बूत किया जाए।
10. 5 लाख नौकरियों के भ्रामक दावों को बंद कर युवाओं को वास्तविक तथा स्थानीय रोजगार उपलब्ध कराए जाएँ।
11. प्रदेश में बढ़ रहे नशे और अपराध के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हेतु विशेष अभियान चलाया जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सञ्जौली इकाई के दायित्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहा कि परिषद प्रदेश सरकार से अपेक्षा करती है कि इन छात्र-संबंधी मांगों का गंभीरता से समाधान किया जाएगा।















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