हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- पूर्व विधायक और सुजानपुर से उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने कहा है कि चुनावों की घोषणा से एक दिन पहले शिमला नगर निगम में पानी की स्कीम के लिए ईडी के माध्यम से अनुमोदित प्रोजेक्ट के लिए एक फर्म को एडवांस में 100 करोड रुपए की राशि रिलीज कर देने और इसमें 10 करोड़ के “किक बैक” की चर्चाएं बाजार में गर्म होने के मामले में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि यह मामला सीधा-सीधा सीबीआई और एंफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानि ईडी की जांच का बनता है।
विभागीय मंत्री की टिप्पणी को भी नजरअंदाज करने की वजह पूछी
राजेंद्र राणा ने आज यहां कहा कि उपरोक्त स्कीम के लिए तीन बार टेंडर आमंत्रित किए गए और हर बार सिर्फ एक ही पार्टी ने इसमें टेंडर भरे। विभाग के मंत्री ने फाइल पर स्पष्ट शब्दों में लिख दिया कि एक ही फर्म को काम नहीं दिया जा सकता क्योंकि बार-बार एक ही फर्म टेंडर में आ रही है।
मामला सीबीआई और ईडी से जांच का बनता है
उन्होंने कहा विभागीय मंत्री के इस बारे नेगेटिव रिमार्क्स को नजरअंदाज करते हुए इस मामले को कैबिनेट में लाकर पास कर दिया गया और SUESS नामक कंपनी को न केवल यह प्रोजेक्ट आवंटित कर दिया गया बल्कि 15 मार्च को ही 100 करोड रुपए का फंड एडवांस में भी रिलीज कर दिया गया। राजेंद्र राणा ने कहा कि 15 मार्च को ही चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी करके यह कहा था ।
कि 16 मार्च को चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा और आनन-फानन में 15 मार्च को ही उक्त कंपनी को एडवांस में इतनी बड़ी राशि जारी कर दिया जाना संदेह पैदा कर रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस बारे चर्चाओं का बाजार गर्म है कि 10 करोड रुपए का “किक बैक” भी हुआ है। इन चर्चाओं के बारे में मुख्यमंत्री को तुरंत स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा यह मामला सीधा-सीधा सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में आता है।
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