शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- इस धरना प्रदर्शन में राज्य कमेटी सदस्य साथी प्रेरणा ने बात रखते हुए कहा कि देश के अंदर नीट का एग्जाम 5 मई 2024 को करवाया गया जिसके अंदर 24 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। उसके बाद 4 जून को NEET-UG परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद कई शिकायतें सामने आ रही हैं, जो NTA के परीक्षा संचालन की पारदर्शिता पर सवाल उठा रही हैं।
यह एन.टी.ए. लाए जाने के बाद से महत्वपूर्ण परीक्षाओं में निरंतर हो रहे गंभीर भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन की श्रृंखला की एक और कड़ी के रूप में हुआ है। परिणामस्वरूप, यह एक बार फिर साबित हो गया है कि एक केंद्रीकृत संस्था एनटीए नीट जैसी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने में अक्षम और अयोग्य है। इन्होंने आगे बात रखते हुए कहा कि NEET जैसी बड़ी परीक्षाओं के अंदर इस तरह की धांधली होना सवालिया निशान खड़ा करती है जिसके चलते लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
इस धरना प्रदर्शन में आगे बात रखते हुए राज्य कमेटी सह सचिव उपेंद्र ने कहा कि इस परीक्षा के अंदर इतना बड़ा भ्रष्टाचारी होना NTA की एक बड़ी नाकामयाबी है जो इस परीक्षा को करवा रहा था। उन्होंने ने कहा की
इससे पहले भी NEET की परीक्षा में अनिमेयता मिली है। इसमे देखने को मिला है की कुछ छात्रों के 720 मे 718 और 719 अंक आये है जो किसी भी तरह से सम्भव नहीं है
एमबीबीएस-बीडीएस स्नातक स्तरीय प्रवेश परीक्षा में कुल अंक 720 होते हैं। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक दिए जाते हैं, जबकि प्रत्येक गलत उत्तर के लिए कुल अंक में से 1 अंक काटा जाता है, जबकि अनुत्तरित प्रश्नों छोड़ दिया जाता है। उस स्थिति में, 719 और 718 जैसे अंक प्राप्त करना गणितीय रूप से संभव नहीं है। लेकिन ऐसे मामले कई परिणामों में देखे गए हैं। एन.टी.ए. ने एक बयान में लापरवाही से कहा है कि इस साल का रिजल्ट में ग्रेस मार्किंग भी हुई है। लेकिन इस साल परीक्षा से पहले एन.टी.ए. द्वारा प्रकाशित दिशानिर्देशों में कहीं भी इस ग्रेस मार्किंग योजना का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इन्होंने आगे बात रखते हुए कहा कि केंद्र की सरकार इसके लिए जिम्मेदार और अभी तक किसी भी तरह की कार्यवाही केंद्र की सरकार ने नहीं की है। एक तरफ देश के अंदर लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है और दूसरी तरफ इस तरह पेपर लीक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिस कारण लाखों युवाओं के साथ धोखा हो रहा है।
इस नीट परीक्षा में ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि एक ही केंद्र से एक ही क्रम में लगातार रोल नंबर वाले छात्रों को समान अंक मिले हैं, जो की प्रसंगवश 720 में से 720 अंक हैँ। रैंक में इस गंभीर विवर्धन के कारण उम्मीदवारों को अब निजी कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जो सीधे तौर पर एन.टी.ए. की नीतियाँ जैसे कि पाठ्यक्रम में उल्लेखनीय कमी के कारण है। मोदी सरकार में जिस तरह से एनएमसी और एन.टी.ए. मिलकर मेडिकल शिक्षा का निजीकरण कर रहे हैं, वह देश के भविष्य के लिए खतरनाक है। मेडिकल क्षेत्र में राज्य-आधारित संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रणाली को बदलने के लिए अंतहीन भ्रष्टाचार का तर्क था, अब यही अंतहीन भ्रष्टाचार का आरोप NEET-UG को लेकर भी सामने आ रहा है।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया इस भ्रष्टाचार घटना की तत्काल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग करता है। हम एन.टी.ए को खत्म करने और इसके अब तक के सभी घोटालों की जांच करने की मांग करते हैं। एस.एफ.आई. देश भर के छात्र समुदाय से एन.टी.ए. के माध्यम से शिक्षा के केंद्रीकरण के खिलाफ एकजुट होने का भी आह्वान करता है।
SFI राज्य कमेटी NEET परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार पर उचित जांच की मांग करती जब से NTA बना है तब से लेकर लगातार कोई ना कोई भ्रष्टाचार NTA द्वारा किया गया है आज NEET की परीक्षाओं के अंदर इस तरह का भ्रष्टाचार होना सवालों के गैरों के अंदर आता है एस एफ आई मांग कर रही है कि नीट की परीक्षा जो भी अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और इसकी न्यायिक जांच की जाए।