हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र के सरकारी कार्यालयों में कई पद महीनों से खाली पड़े हुए हैं! लेकिन प्रदेश सरकार व्यक्तिगत द्वेष की भावना के चलते इन्हे नहीं भर रही हैं!
कांग्रेस अगर बड़सर का चुनाव हार गई हैं तो इसमें जनता का क्या कसूर हैं जनता ने तो कांग्रेस को भी वोट दिए हैं लेकिन अब वह लोग भी पछतावे में हैं! मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत व राजनितिक द्वेष छोड़ जनता के हित पर ध्यान देना चाहिए! मुख्यमंत्री बड़सर चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री बोलते थे कि बड़सर का विधायक भी मैं ही हूँ और मुख्यमंत्री भी मैं ही हूँ लेकिन बड़सर में 4 महीने से बीडीओ की नियुक्ति नही कर पाया।
इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश की सता में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आई कांग्रेस सरकार के समय में ऐसा व्यवस्था परिवर्तन हुआ हैं कि पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़ गए हैं! जिला हमीरपुर के विकास खंड बिझड़ी में पिछले कई महीनों से पंचायतों में विकास की गाथा लिखने बाले अधिकारीयों के पद खाली पड़े हुए हैं! आलम यह हो चूका हैं कि बीडीओ कार्यलय बिझड़ी में अधिकारीयों की तैनाती न होने से एक तरह जहां लोगों को छोटे मोटे कामों के लिए परेशान होना पड़ रहा हैंl
वहीं दूसरी तरफ पर्याप्त स्टॉफ के आभाव में विकास कार्य थम गए हैं! दीगर यह हैं कि विकास खंड बिझड़ी में बीडीओ सहित सुपरिटेंडेंट, अकाउंटेंट, एसईवीपीओ सहित पंचायत इंस्पेक्टर का पद पिछले कई महीनों से खाली पड़े हुए हैं लेकिन सरकार ने अभी तक पंचायतों की तमाम व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालने बाले पदों पर नियुक्ति नहीं कर पाई हैं!
ऐसा लगता हैं कि उपचुनावों के बाद बड़सर की जनता की आवाज को सुनने बाला कोई नहीं हैं! यही नहीं पंचायतों के विकास की रुपरेखा तय करने बाले पंचायत सचिवों के भी पद रिक्त हैं! एक पंचायत सचिव पर दो से तीन पंचायतों का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया हैं! गौर हो कि विकास खंड बिझड़ी के तहत 52 पंचायतें आती हैं लेकिन विकास खंड में इन पंचायतों को संभालने बाले बीडीओ का पद ही खाली पड़ा हुआ हैं!
जिसके चलते पंचायतों में होने बाले विकास कार्यों पर ग्रहण लग गया हैं! पंचायतों को न तो समय पर विलों का भुकतान हो पा रहा हैं और न ही पंचायतों के विकास में लगे मजदूरों को उनका मेहनताना मिल पा रहा हैं! सरकार के व्यवस्था परिवर्तन की मुहीम के शिकार हुए पंचायतों के प्रधान भी चुनावों के बाद अब जनता के सामने खुद को ठगा सा महसूस करने लगे हैं क्यूंकि विभाग में विभिन्न पद खाली होने के चलते छोटे मोटे कामों के लिए भी जनता को खासी परेशानी उठानी पड़ रही हैं!
बताया जा रहा हैं वर्तमान समय में विकास खंड बिझड़ी के तमाम सरकारी महकमे अधिकारीयों व कर्मचारियों से जूझ रहे हैं! बड़सर विधानसभा का सारा सरकारी तंत्र डेपुटेशन के सहारे चल रहा हैं! हालांकि बिझड़ी बीडीओ कार्यालय का अतिरिक्त कार्यभार नादौन के विकास खंड अधिकारी को सौंपा गया हैं लेकिन उन्हें भी दो दो विकास खंडो की जिम्मेदारी संभालना अब टेढ़ी खीर साबित होने लगा हैं!