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बसों के किराए में की गई भारी वृद्धि का किया कड़ा विरोध : छात्र अभिभावक

शिमला/हिमाचल :-   छात्र अभिभावक मंच हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा स्कूल बसों के किराए में की गई भारी वृद्धि का कड़ा विरोध किया है व इसे तुरंत वापिस लेने की मांग की है। मंच ने चेताया है कि अगर बस किराया वृद्धि अगर वापिस न ली गई तो मंच विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन करने से भी नहीं चूकेगा।

 

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सह संयोजक विवेक कश्यप, संजीव खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, अशोक वर्मा, प्रदीप व जगदीश ठाकुर ने कहा है कि एचआरटीसी प्रबंधन मनमाने तौर तरीके अख्तियार कर रहा है तथा अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ लाद रहा है।

 

उन्होंने एचआरटीसी प्रबंधन से पूछा है कि जब पेट्रोल डीज़ल की कीमतों एवं साधारण बस किराए में कोई भी वृद्धि नहीं हुई है तो फिर स्कूलों के लिए चलाई जा रही सरकारी बसों के किराए में बीच सत्र में चालीस प्रतिशत वृद्धि का क्या औचित्य है। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक हर वर्ष फीस, किताबों एवं वर्दी की कीमतों में होने वाली पच्चीस प्रतिशत तक की वृद्धि से पहले ही परेशान रहते हैं।

 

ऐसे में बस किराए में चालीस प्रतिशत वृद्धि उनके ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। इस से छात्र एवं अभिभावक भारी आर्थिक बोझ का शिकार होंगे। उन्होंने कहा कि छः सौ, नौ सौ, एक हजार, एक हजार दो सौ रुपए के स्कूली बस किराए को बढ़ाकर नौ सौ, एक हजार तीन सौ पचास, पंद्रह सौ एवं एक हजार आठ सौ रुपए करना तर्कहीन एवं तानाशाहीपूर्व निर्णय है। इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।

 

यह अभिभावकों की मनमानी लूट है। इसलिए इस किराया बढ़ोतरी को तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार को जहां निजी स्कूलों की मनमानी लूट एवं भारी फीसों पर रोक लगानी चाहिए थी तथा निजी स्कूलों में फीस, प्रवेश प्रक्रिया एवं पाठयक्रम के संचालन के लिए एक कानून एवं रेगुलेटरी कमीशन बनाना चाहिए था।

 

जबकि प्रदेश सरकार की ही एक संस्था एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा किराए में भारी बढ़ोतरी करने से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार भी निजी स्कूल प्रबंधनों की तर्ज पर ही छात्रों एवं अभिभावकों की आर्थिक लूट करना चाहती है जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।