

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :- हमीरपुर जिले को शिक्षा का हब कहा जाता है शिक्षा के हब में अनेक शिक्षा संस्थान है जिनमें प्रतिस्पर्धा दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है स्कूल प्रबंधन अपने स्कूल को श्रेष्ठ बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते रहे हैं जिसमें वे सफल भी हो रहे हैं एक ऐसा ही स्कूल, दिव्य आदर्श विद्या पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल भोटा के आठवीं कक्षा के छात्र सुपर्व ने जिले में स्कूल का नाम रोशन किया है।


सुपर्व ने भारतीय डाक विभाग की ओर से दीनदयाल स्पर्श योजना के तहत आयोजित छात्रवृत्ति योजना में जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। स्कूल प्रबंधन ने सुपर्व की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। अब सुपर्व प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभागी बनेगा।


स्पर्श छात्रवृत्ति योजना में पाया पहला स्थान, अगला पड़ाव स्टेट लैवल



स्कूल की सीएमडी कंचन भारद्वाज ने बताया कि भारतीय डाक विभाग की ओर से दीनदयाल स्पर्श योजना के तहत दिव्य आदर्श विद्या पब्लिक सीनियर सैकेंडरी स्कूल भोटा में भी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगता में स्कूल के 102 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिलाभर में यह प्रतियोगिता स्कूल स्तर आयोजित की गई, लेकिन परिणाम जिला स्तर पर घोषित किया गया।
स्कूल प्रबंधन ने इस उपलब्धि के लिए सुपर्व को दी बधाई एवं शुभकामनाएं


प्रतियोगिता में स्कूल के आठवीं कक्षा के सुपर्व ने जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत शैक्षणिक स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले और डाक टिकट संग्रहण का शौक रखने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति देने के लिए प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया जाता है।
बता दें कि इस योजना में बच्चों में विषयगत क्षेत्रों से संबंधित उत्पादों या डाक टिकटों के रखरखाव, खोज, स्थापन, अधिग्रहण, आयोजन, सूचीकरण, प्रदर्शन और भंडारण को शामिल किया गया है। एक शौक के रूप में डाक टिकट संग्रह में बहुत सारे शैक्षणिक लाभ होते हैं क्योंकि यह उस अवधि की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक वास्तविकता के बारे में बहुत कुछ सिखाती हैं। क्योंकि समय-समय पर जो डाक टिकट जारी किए जाते या जिस विषय पर इसे जारी किया जाता है।
उससे तात्कालिक विषय वस्तु और उसके महत्व को समझने में आसानी होती है। उस पर शोध की प्रेरणा मिलती है। डाक टिकट संग्रहण करना एक आरामदायक गतिविधि हो सकती है जो जीवन के तनाव को प्रभावहीन करती है। लेकिन यह एक उद्देश्यपूर्ण लक्ष्य प्रदान करती है।
जिससे बोरियत दूर होती है। यह शौक समान रुचियों वाले लोगों को सामाजिक बंधनों में भी बाँधता है। नई दोस्ती को विकसित करता है। यह संग्रहण मानव मस्तिष्क को व्यवस्थित करने और कार्यों को अर्थ देने के लिए स्मृति कौशल को भी विकसित करता है।

टिकट संग्रहण की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों को मजबूत करने के लिए, डाक विभाग कक्षा छह से नौवीं की श्रेणी वर्ग में बच्चों को पुरस्कार देने के लिए दीन दयाल स्पर्श योजना छात्रवृत्ति योजना शुरू की है। योजना के तहत छात्रवृत्ति के अंतर्गत उन छात्रों को वार्षिक छात्रवृत्तियाँ देने का प्रस्ताव है जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा है और जो एक शौक के रूप में टिकट संग्रहण करते हैं।


