राष्ट्रीय पेंशनर दिवस बड़े हर्षोल्लास से किया गया आयोजित

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   राष्ट्रीय पेंशनर दिवस एन जी ओ भवन हमीरपुर में बड़े हर्षोल्लास से एस के कौड़ा ,जिला अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित किया गया । सर्वप्रथम उपस्थित सभी पेंशनर्स ने 20 नवंबर 2024 के बाद मृत्यु को प्राप्त हुए सभी पेंशनर्स को 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा को शांति देने की भगवान से प्रार्थना करते हुए उनके परिवार के सदस्यों को यह दुख सहने की प्रार्थना की ।

 

17 दिसंबर का दिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन 17 दिसंबर 1982 को सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ ने डी एस नकारा के केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था । इस ऐतिहासिक फैसले में लिखा है कि पेंशन ना तो कोई उपहार है और ना ही नियोक्ता की इच्छा पर रहने वाली कृपा है और ना ही यह अनुग्रह राशि है यह पूर्व में की गई सेवाओं के लिए भुगतान है तथा एक सामाजिक कल्याण उपाय है जो उन लोगों को सामाजिक आर्थिक न्याय प्रदान करता है जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में नियोक्ता के लिए इस आश्वासन पर लगातार काम किया कि बुढ़ापे में उन्हें बेसहारा ना छोड़ा जाएगा ।

इस अवसर पर सर्वश्री देवराज गोंडल, विपिन सोनी, मिलाप चंद ठाकुर, अजय शर्मा ने भी अपने विचार रखे जिन्होंने वर्तमान में सरकार द्वारा देय वित्तीय लाभ न देने वारे रोष प्रकट किया । इसके उपरांत महासचिव मनोहर लाल कानूनगो ने बताया कि जिला कार्यकारिणी हमीरपुर ने अधिकारियों कर्मचारियों को1.1.2016 से 31 जनवरी 2022 तक पेंशन की वकाया राशि, लंबित महंगाई भत्ते की तीन किस्तें तथा 1.7.22 व 1.1.23 से जारी महंगाई भत्ते की किस्तों का 21=21मास का बकाया शीघ्र दिया जाए ।इसके अतिरिक्त चिकित्सा भत्ता बिलों की अदायगी, जेसीसी का गठन,पेंशन को महीने की प्रथम तारीख को जारी करने वारे सरकार से आग्रह किया कि इन मांगों को शीघ्र माना जाए ।

 

जिला अध्यक्ष एसके कौड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि एक-एक 16 से जनवरी 22 तक जो कर्मचारी अधिकारी सेवानिवृत हुए हैं जिनको अभी तक केवल ग्रेच्युटी लीव एनकैशमेंट कंमयुटेशन केवल 20% ही अदा की गई है बाकी राशि को इन्हें 6% ब्याज सहित शीघ्र अदा की जाए अन्यथा पेंशनर्स को शीघ्र ही संघर्ष पर उतरने के लिए विवश होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदार पूर्णतया प्रदेश सरकार होगी ।

 

यह भी कहा कि जो आपदा के समय में केंद्र द्वारा तीन किस्तों पर रोक लगाई गई थी तथा बाद में केंद्र द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को जारी कर दी गई थी, उन्हें भी शीघ्र जारी किया जाए ताकि इस अवधि में सेवानिवृत हुए पेंशनर्स की पेंशन का संशोधन किया जा सके, जिन्हें इस का लाभ अभी तक नहीं मिला है ।

 

इस अवसर पर सर्वश्री रोशन लाल उदास,पीसी चौहान, पुरुषोत्तम दास शर्मा, पी एन शर्मा, विधि चंद शर्मा, उधम सिंह ठाकुर, देवराज कौडल,दीनानाथ कौडल,एस डी गुलजार, विपिन सोनी, मिलाप चंद, विजय जमवाल, किशोरी लाल ,संतोष सोनी, जुल्फी राम, निर्मल सिंह ठाकुर, रामचंद ठाकुर, रोशन लाल ठाकुर, के आर गर्ग,पुष्पा देवी, कृष्णा देवी गिल, शमशेर सिंह, डोला राम, सुरम सिंह राणा, मनोहर लाल, वलबीर सिंह, रतन चंद भरवाल, हरनाम सिंह दीवान सिंह मांन, संजीव कुमार के एल पटियाल, राजकुमार, मेहर सिंह, अजय शर्मा, देशराज रामपाल,ब्रह्म दास, प्रकाश चंद चौहान, शशि पाल मिन्हास, युद्धवीर सिंह पठानिया, हरनाम सिंह, रामपाल, राकेश पुरी,अजय कुमार शर्मा व अन्य गणमान्य पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे ।
मनोहर लाल कानूनगो महासचिव