NMOPS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने UPS व यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने के निर्णय का किया विरोध

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  एनएमओपीएस NMOPS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय अनुसार नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से UPS यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने के निर्णय का विरोध दर्ज किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में यूपीएस की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

 

इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य ओपीएस के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना है। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर व महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार द्वारा पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों का इस आंदोलन में साथ देने के लिए अवश्य भाग लें और यूपीएस के नुकसान के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सबके सामने आ सके l

 

इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर अध्यक्ष और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए धन्यवाद दिया है।पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 साल से चले आ रहे विरोध और आंदोलन को समाप्‍त करने के मकसद से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी यूपीएस (UPS) का काफी विरोध हो रहा है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें बहुत सारी खामियां हैं।

 

इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्‍त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से निकलकर आई है जो इसकी गिनाई जा रही तमाम प्रचारित की जा रही अच्‍छाइयों पर भारी पड़ गई है.UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस के मामले में सामने आती है. अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्‍प चुनता है।

 

तो उसे पेंशन कब से मिलेगी. ये सवाल जब वित्‍त सचिव टीवी सोमनाथन से पूछा गया तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, यूपीएस के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी. रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्‍कीम में इस खामी के चलते बड़ी मुश्किल सामने आएगी।

 

दरअसल देश में तमाम विभागों में रिटायरमेंट की अवधि अलग-अलग है. विश्‍वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयू 65 साल है. कुछ विभागों में 60 वर्ष तो कुछ में 58 वर्ष है. ऐसे में अगर व्‍यक्ति 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो पेंशन के लिए उसे दो साल का इंतजार करना होगा. वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 साल की उम्र पर वीआरएस लेते हैं तो आपको यूपीएस के तहत पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा.इस मामले में कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी लेने वाला युवक अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके VRS लेना चाहे, तो उसके पास यूपीएस के तहत पेंशन लेने का कोई विकल्‍प 10 सालों तक नहीं होगा. इस बात की क्‍या गारंटी कि अगले 10 तक वो जिंदा भी रहेगा या नहीं इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली चाहते हैं

l वहीं दूसरी और अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आया है तो इस स्‍कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10 हजार रुपए न्‍यूनतम पेंशन तय की गई है, जबकि 25 साल की नौकरी पर पेंशन का कैलकुलेशन दूसरे फॉर्मूले से होगा. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन दी जाएगी वो उनके सेवा वर्षों और औसत इनकम पर आधारित होगी l

*UPS में कम वेतन वालों के लिए क्या है?*

नई योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन की गारंटी दी गई है. इससे कम वेतन वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद महंगाई और वित्तीय अनिश्चितताओं के खिलाफ सुरक्षा मिल जाएगी. हालांकि ये फायदा भी तभी मिलेगा जब सर्विस में 10 साल पूरे हो जाएंगे.

*10 साल से पहले सर्विस छोड़ दी तो?*

10 साल की सर्विस पूरी नहीं हुई तो कोई पेंशन नहीं मिलेगी.

*UPS पिछली स्कीम से कितनी बेहतर?*

पिछली पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% कंट्रीब्यूट करना होता है और सरकार 14% कंट्रीब्यूट करती है. जबकि नई स्कीम में कर्मचारी बेसिक सैलरी का 10% ही कंट्रीब्यूट करेगा, लेकिन सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का साढ़े 18% कंट्रीब्यूट करेगी. वहीं पुरानी पेंशन में कर्मचारी को पुरानी पेंशन के लिए कोई भी कंट्रीब्यूशन नहीं देनी होती है वह GPf में राशि जमा करवाते हैं जिस पर सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज मिलती है और सेवानिवृति उपरांत राशि ब्याज सहित वापिस मिल जाती है और पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है को लगभग अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत बनती है l

जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, नीतिगत बदलाव, वित्तीय लाभ या भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की समानता का दावा नहीं कर सकेंगे. UPS चुनने वाले कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे- एक व्यक्तिगत फंड और दूसरा पूल फंड व्यक्तिगत फंड में कर्मचारी का योगदान और सरकार का समान योगदान होगा. वहीं पूल फंड में सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा l
प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था पर जब कर्मचारी सेवानिवृत होने लगे तब किसी को 500 तो किसी को 1500 पेंशन मिलने लगी वैसे ही भविष्य में क्या मिलेगा यह भविष्य के गर्भ में है परंतु पुरानी पेंशन OPS जैसा लाभ नहीं मिलेगा यह तय है ऐसे में कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग ही करेंगे और nps तथा ups का विरोध करेंगे l