

सिरमौर/विवेकानंद वशिष्ठ:- हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के नाहन क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रीय राइफल्स (RR) बटालियन के 30 वर्षीय जवान लांस नायक धर्मेंद्र का निधन केवल उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।


वर्दी पहनने वाले हर नौजवान का सपना होता है मातृभूमि की सेवा करना, और धर्मेंद्र ने उस सपने को अपने प्राणों की आहुति देकर अमर कर दिया।


हाल ही में पिता बने धर्मेंद्र के घर में 6 महीने पहले ही बेटे का जन्म हुआ था। जहां एक ओर परिवार नई खुशियों में डूबा था, वहीं दूसरी ओर यह दु:खद समाचार मानो सब कुछ छीन ले गया। अब वह मासूम बेटा अपने पिता की गोद की गर्मी नहीं, बस उनकी तस्वीरों में उनका साया महसूस करेगा।



गांव से लेकर देश तक हर आंख नम है। अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने पुष्पवर्षा कर, “भारत माता की जय” के नारों से उन्हें विदाई दी। उनका पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटकर घर आया, तो हर दिल गर्व और ग़म से भर उठा।
सरकार और सेना की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन मिला। लेकिन धर्मेंद्र के जाने का जो खालीपन है, उसे कोई नहीं भर सकता।


शहीद धर्मेंद्र का यह बलिदान भारत माता की सेवा का एक अमिट इतिहास बन गया है। आने वाली पीढ़ियाँ उनके त्याग और वीरता को याद रखेंगी।


