

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने कवयित्री व लोक गायिका नेहा सिंह राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर माद्री काकोटी पर दर्ज एफआईआर की कड़ी निंदा की है। SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी इन महिलाओं पर दर्ज एफआईआर को संविधान के मौलिक अधिकार के विरुद्ध बताया गया है।


पहलगाम घटना की निष्पक्ष जांच करा कर सच्चाई देश के सामने लाए केंद्र सरकार: SFI


यह संविधान प्रदत्त असहमति और अभिव्यक्ति के अधिकार का खुला उल्लंघन है। इन दोनों महिलाओं पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत यानी देश की एकता, अखंडता व सम्प्रभुता को नुकसान पहुंचाने की धारा में मुकदमा कायम कर दिया गया है।



सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने मांग की है कि नेहा सिंह राठौर और प्रोफेसर माद्री काकोटी पर लगाए गए मुकदमों को तत्काल खत्म किया जाए और दहशत फैलाने की जारी कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए।
SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने कहा है कि पहलगाम की त्रासद घटना में सुरक्षा चूक की बात केंद्र सरकार की सर्वदलीय बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने खुद स्वीकार की है। ज्ञातव्य है कि पहलगाम के इस टूरिस्ट स्पॉट पर घटना के वक्त एक भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था।


ऐसे में केंद्र सरकार व भाजपा को बताना चाहिए कि इस गंभीर सुरक्षा चूक पर प्रश्न पूछना अपराध कैसे हो गया।भारत सरकार को पहलगाम घटना की स्वतंत्र व निष्पक्ष एजंसियों से जांच करा कर उसके सच को देश व दुनिया के सामने लाना चाहिए, जिससे भारत का पक्ष मजबूत होगा लेकिन इसके लिए वह तैयार नहीं है। वहीं इस पर सवाल करने वाले नागरिकों के दमन पर उतारू है।


