युद्धविराम पर देश का बच्चा-बच्चा मांग रहा केंद्र सरकार से जबाब: संदीप सांख्यान

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :- प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कॉर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प के ट्वीट पर युद्धविराम करना देश की विदेश नीति पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

 

 

क्या अब अमेरिका तय करेगा भारत की दशा और दिशा…? संदीप सांख्यान

 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ जब देश का हर नागरिक और पूरा विपक्ष एकजुटता से खड़ा था तो ऐसे में अचानक से सीजफायर समझ से परे की बात है। संदीप सांख्यान ने कहा कि जब भारतीय सेना के रणबाकुरों ने पाकिस्तान का सीना छलनी करना शुरू कर दिया था तो ऐसे में अचानक युद्धविराम करने पर केंद्र की सरकार ने शर्मनाक काम किया है।

 

 

यह देश की गरिमा और देश के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ किया है केंद्र सरकार ने। पहलगाम हमने में जब निहत्थे पर्यटक मारे गए उसके जबाब में जब जबाबी कार्यवाही भारतीय सेना ने की और केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक संगठनों की सहमति लेकर युद्ध को आगे बढ़ाया तो युद्धविराम से पहले केंद्र की सरकार ने युद्ध को रोकने के लिए क्यों सभी राजनैतिक संगठनों से बैठक करी यह एक बड़ा सवाल है?

 

 

क्यों अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर आचनक युद्धविराम करवाया गया है। संदीप सांख्यान ने केंद्र की सरकार को युद्धविराम के मसले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि क्या अब अमेरिकी राष्ट्रपति भारतवर्ष की दशा और दिशा तक करेंगे, क्या अब अमेरिका भारतवर्ष की विदेश नीति और युद्धनीति तय करेंगे? संदीप सांख्यान ने बड़ा प्रश्न खड़ा करते हुए केंद्र सरकार और भाजपा से पूछा है।

 

 

कि देश के नागरिकों ने जनमत भाजपा को दिया था या अमेरिका के राष्ट्रपति को दिया था, आज अचानक युद्धविराम पर देश जा बच्चा-बच्चा यह सवाल भाजपा और केंद्र सरकार से पूछ रहा है। संदीप सांख्यान ने कहा कि आज़ादी के बाद यह पहला मौका है कि इस तरह से युद्धविराम किया गया, कहाँ साल 1971 का वह समय था कि पाकिस्तान के दो टुकड़े तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा जी ने करवा कर पाकिस्तान को चीर कर रख दिया है और कहाँ वर्तमान स्थियों में भारतवर्ष विदेशियों के कहने पर देश की गरिमा से खिलवाड़ किया गया।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा सीजफायर करना था तो अपनी शर्तों पर करते और अगर ये अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बोलने से करना ही था तो दुश्मन देश के साथ शर्त रखी जानी चाहिए थी कि जिन आतंकवादियों ने पहलगांव में निर्दोष 26 भारतीयों को धर्म पूछ कर निशाना बनाया था।

 

 

उन सभी आतंकवादियों को भारत को सौंपने की मांग क्यों नही की गई? उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा पाकिस्तान के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेकती आई है और जब पाकिस्तान और उसके द्वारा शरण दिए गए आतंकियों को नेस्तनाबूद करने की बात आई तो भाजपा की केंद्र सरकार ने विदेशियों के इशारों बिना विपक्ष को विश्वास में लिए बिना ही युद्धविराम करवा कर देश की जनता को अपना असली चाल, चरित्र और चेहरा पेश कर दिया।

 

वाह री केंद्र सरकार और वाह री भाजपा यही है आपका असली चेहरा जो अब देश की जनता और देश का बच्चा-बच्चा जान चुका है।

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