

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ:- पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा निर्दोष देशवासियों की सामूहिक हत्याओं के उपरांत भारतीय सेनाओं द्वारा पाकिस्तान के ख़िलाफ़ की गई साहसिक कार्यवाही के लिए देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और भारतीय सेना ने एक बार पुनः यह स्थापित कर दिया कि हमारी सेना विश्व की श्रेष्ठ सेनाओं में से है!


प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने मीडिया को जारी ब्यान में कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित दहशत गर्दी से त्रस्त देशवासियों को आशा थी कि भारत सरकार इस बार आतंक और आतंकियों के सरपरस्त पाकिस्तान के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का कार्य करेगी परंतु सेना के साहसिक एवं सटीक प्रहार से सहमे पाकिस्तान को अमरीकी राष्ट्रपति के दबाव में जिस प्रकार सेफ पैसेज दिया गया उससे देशवासी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।


क्योंकि कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल एवं 140 करोड़ देशवासी सरकार के साथ एकजुटता के साथ खड़े भी थे और एक निर्णायक कार्यवाही की अपेक्षा भी कर रहे थे परंतु इस मुद्दे पर घुस कर मरेंगे,दुनियां के अंतिम छोर तक ढूंढ कर मरेंगे, नेस्तनाबूद कर देंगे और भारी कीमत चुकानी पड़ेगी जैसी बातें कह कर देशवासियों को सम्मोहित करने वाले प्रधान मंत्री भारत के इतिहास के सबसे कमज़ोर प्रधानमंत्री साबित हुए क्योंकि जिस प्रकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में सीजफायर हुआ।



जिसकी घोषणा भी ट्रंप ने अमेरिका से की उससे देश के सम्मान एवं गौरव को गहरी ठेस पहुंची है और देश में लोगों ने इसी के चलते किसी भी विदेशी ताक़त के आगे झुके बिना पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बंगला देश के रूप में एक नए राष्ट्र का गठन करने वाली इंदिरा गांधी को उनके साहस तथा दूरदर्शिता के लिए याद किया!
कौशल ने कहा कि अपनी छाती ठोक ठोक कर खुद को विश्व गुरु समझने वाले नरेंद्र मोदी जी से तो यूक्रेन जैसे छोटे और युद्धग्रस्त देश के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप के आगे घुटने टेकने की बजाए आंख में आंख डाल कर अपने देश के गौरव को बढ़ाने का साहस दिखाया! कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा की घड़ी में एक कूटनीतिक राजनीतिज्ञ और भारत जैसे महान राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में खुद को साबित करने में पूरी तरह असफल हुए हैं ।


क्योंकि जिस परिस्थिति में तमाम राजनीतिक दल,नेता और देशवासी एकमत थे उस परिस्थिति में विदेशी हस्तक्षेप के आगे नतमस्तक हो कर उन्होंने देश के सम्मान एवं गौरव को चोट पहुंचाई है!


