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मोदी ने 10 वर्षों में 25 करोड़ को निकाला गरीबी रेखा से बाहर कांग्रेस पांच पीढ़ियों से गरीबी हटाने का अलाप रही राग: धूमल

 

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  पांच पीढ़ियों से देश में गरीबी हटाओ का नारा लगाने वाली कांग्रेस अब गरीबों की लिस्ट बनाने का राग अलाप रही है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। यह कहना है वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का।

चुनावों से पहले सत्ता हथियाने को लिस्टें बनाना कांग्रेस का पुराना इतिहास

बुधवार को हमीरपुर से जारी प्रेस बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों से पहले सत्ता हथियाने के लिए झूठी लिस्टें बनाकर लोगों को बेवकूफ बनाना कांग्रेस का पुराना इतिहास है। 2003 में हर घर से नौकरी देंगे इसके लिए लिस्टें बनाई, 2012 में प्रत्येक युवा को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए लिस्टें बनाई और अब 2022 में हर महिला को ₹1500 देने के लिए लिस्टें बनाई लेकिन सत्ता पर काबिज होने के पश्चात किसी को कुछ नहीं मिला कांग्रेस इन लिस्टों को सत्ता हासिल करने के बाद कूड़ेदान में फेंक देती है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा की केंद्र सरकारों ने बिन मांगे हिमाचल को दिया बहुत कुछ जबकि कांग्रेस ने केंद्र में आकर हमेशा किया प्रदेश से छीनने का काम

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा यह चुनाव दो पार्टियों का है एक बीजेपी की विचारधारा है जो सेवा करना जानती है और राहत देना जानती है जबकि दूसरी कांग्रेस की विचारधारा है जो केवल झूठे वायदे करना जानती है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जब भी केंद्र बनी है तब उन्होंने हिमाचल को बिन मांगे बहुत कुछ देने का काम किया है जबकि इसके विपरीत कांग्रेस की सरकारें जब भी केंद्र में बनी है तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश से छीनने का ही काम किया है। दिसंबर 2002 में अटल जी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश को अगले 10 वर्षों के लिए औद्योगिक पैकेज की सौगात दी थी

 

लेकिन कांग्रेस की सरकार केंद्र में बनते ही उन्होंने यह पैकेज हिमाचल प्रदेश से छीन लिया था। इसी प्रकार केंद्र की भाजपा की सरकार ने हिमाचल प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया था जिसे कांग्रेस की यूपी सरकार ने छीन लिया था 2014 में जब मोदी सत्ता में आए तो उन्होंने एक कमेटी गठित कर कांग्रेस सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार किया और 2016 में फिर से इस दर्जे को बहाल किया था जिसके फल स्वरुप हिमाचल को हजारों करोड रुपए का लाभ होता है।