हिमाचल/शिमला :- सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, रामपुर हाइड्रो पॉवर स्टेशन 412 मेगावाट के चार सौ आंदोलनरत मजदूरों के पिछले साठ दिन से चल रहे बेमियादी आंदोलन के समर्थन में सीटू से सम्बद्ध शिमला शहर की यूनियनों ने डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, बालक राम, रमाकांत मिश्रा, हिमी देवी, रंजीव कुठियाला, विवेक कश्यप, राम प्रकाश, दलीप, विनोद बिरसांटा, पूर्ण चंद, कपिल नेगी, वीरेंद्र, नोख राम, निशा, राकेश सल्लू, पवन, भरत, दलविंद्र, शिवराम, नरेश, अशोक, संजय सामटा आदि मौजूद रहे।
सीटू ने मांग की है कि आंदोलनरत मजदूरों की मांगों को तुरन्त हल किया जाए। सीटू ने एलान किया है कि अगर शिमला स्थित एसजेवीएनएल मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने इन मांगों के समाधान के लिए तुरन्त हस्तक्षेप न किया तो जल्द ही सीटू शिमला में मुख्य प्रबन्ध निदेशक कार्यालय का घेराव करेगा।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम व जिला सचिव रमाकांत मिश्रा ने कहा कि 412 मेगावाट बिजली परियोजना में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। परियोजना में कार्यरत मज़दूरों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है।
न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अनुसार कार्य की प्रकृति के अनुसार मजदूरों को अलग अलग श्रेणी में रखा जाता है, ताकि उनके श्रेणी के अनुसार निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाए। 412 मेगावाट परियोजना में सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा मज़दूरों से कुशल श्रेणी का काम करवाया जाता है परन्तु अर्धकुशल मजदूर का कम वेतन दिया जाता है।
परियोजना मज़दूरों को एम्प्लोयमेंट कार्ड व वेतन पर्ची नहीं दी जा रही है। मज़दूरों को ग्रेच्युटी की सुविधा से वंचित रखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त मजदूरों के लिए पदोन्नति नीति, सामूहिक बीमा, वर्दी भत्ता, वर्दी धुलाई भत्ता, यात्रा भत्ता में बढ़ोतरी, रोगी वाहन, शिफ्ट में काम कर रहे मजदूरों को शिफ्ट गाड़ी व कुशवा, खरगा, तुनन, पोषना व अन्य पंचायतों से आ रहे मजदूरों के लिए जगातखाना होकर बस चलाने व कटे हुए ट्रेड को दोबारा से लगाना आदि मुख्य मांगों को लेकर 24 नवंबर 2023 को यूनियन व रामपुर हाइड्रो पॉवर स्टेशन प्रबंधन के मध्य समझौता हुआ था।
मज़दूर विरोधी रामपुर हाइड्रो पॉवर स्टेशन प्रबंधन द्वारा समझौता लागू नहीं किया जा रहा है। जो मजदूर अपने हकों की आवाज उठा रहे हैं, उन्हें चिन्हित करके प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। मज़दूरों को परेशान करने के लिए प्रबंधन के द्वारा ठेकेदारों पर दबाव बनाकर गैर कानूनी हथकंडे अपना कर मजदूरों को डराने धमकाने का काम एस जे वी एन एल 412 मेगावाट प्रबंधन कर रहा है।