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मुख्यमंत्री सुक्खू के बयानों में नहीं दिखती प्रदेश के प्रति गम्भीरता :- राजीव बिंदल

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ  :- प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आई हैं तब से मुख्यमंत्री सुक्खू बताए कि उन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया हैं? आए दिन नए-नए बयान दे रहें हैं जो चिंतनीय है।

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भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने हमीरपुर में पन्ना प्रमुख सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से यह नहीं जानना चाहती के कौन डायरेक्टर और कौन ऐक्टर हैं, बल्कि प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से जानना चाहती है की आपने हिमाचल प्रदेश के 1500 संस्थान बंद क्यों किये।

ऐसी कौन सी उपलब्धि जिसे लेकर जनता के बीच जाएंगे मुख्यमंत्री।

उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि ऐसी कौन सी उपलब्धि है जिसे लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इन 15 महीनों में मात्र जनता को तंग किया, चुनावी वायदे व गारंटीया पूरे करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। महिलाओं को 1500 रूपये देने के वायदे पर सरकार सत्ता में आते ही, डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी वायदों को पूरा नहीं कर पाई है।

 

जनता मुख्यमंत्री व प्रियंका गाँधी से सवाल पूछ रही है कि महिलाआें को सम्मान राशि कब मिलेगी? काग्रेंस सरकार ने फार्म भरवा दिए परन्तु एक पैसा भी नहीं मिला, दूसरा चुनाव आ गया। अब फिर फार्म भरवा रहे हैं, प्रदेश की जनता जानना चाहती हैं पहले वाले 2022 के फार्म कौन सी कबाड़ी की दुकान पर बेचें? और 2024 के चुनाव फार्म बेचने का ठेका कौन से कबाड़ी को दिया है? ये हिमाचल की जनता मुख्यमंत्री से जानना चाहती है।

 

सभी अधिकारियों को धमकाया गया कि फार्म भरवाओं, चुनाव आयोग ने बकायदा लिखा है के कोई भी नया बेनिफिट किसी भी नए व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता और ये चुनाव आयोग की सख्त इदायत है, परन्तु कांग्रेस सरकार इसपर भी राजनीति कर रही हैं। इनके नेता खुले मंचां पर बयानबाजी करते रहें और कहते रहे कि एक होला तो 1500, दो होला तो 3000, त्रय होला तो 4500, चार होला तो 6000, परन्तु आज कांग्रेस पार्टी के लोग मुख्यंमत्री के दाएं-बाएं ढिंगा चिका कर रहें है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता कांग्रेस से जानना चाहती है कि पहली कैबिनेट में 1 लाख बेरोजगार युवकों को नौकरी देंगे, वो नौकरी कहाँ गई? नौकरी तो दूर परन्तु नौकरी देने वाले संस्थान ही बंद कर दिए और तो और विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री इस बात से ही पलट गए कि उन्हांने पहले साल में 1 लाख सरकारी नौकरीया देने का वायदा जनता से किया था।

 

ऐसे में जनता इन पर क्यों विश्वास करें। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 10 हजार कोविड कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया। आजतक एक भी युवा को रोजगार देने में यह सरकार नाकाम रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश पर आए दिन अर्थिक बोझ डालने का कार्य यह सरकार कर रही हैं। 25 हजार करोड़ रूपये का कर्ज डेढ़ साल में ले लिया, लेकिन विकास के नाम के ऊपर एक फूटी कौड़ी खर्च नहीं की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही 16 महीनां का समय सिर्फ भाजपा को गाली देने में बिता दिया

और चुनाव भी बीजेपी को गाली देकर के ही लड़ रहे हैं। ऐसा लगता है मानो कांग्रेस का एजेंडा जयराम, प्रधानमंत्री मोदी जी को गाली देना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 97 प्रतिशत हिंदू आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में हिंदू विचारधारा वाली पार्टी को हराने का ज़ोर से दावा किया और इस बार कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणापत्र में पूरा का पूरा घोषणापत्र केवल और केवल अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के साथ भरा है।