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एस एफ आई द्वारा मुख्य छत्रपाल से मुलाकात की और छात्र मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  एस एफ आई द्वारा आज 2:30 बजे के आस पास मुख्य छत्रपाल से मुलाकात की गई जिसमे एस एफ आई द्वारा मुख्य छत्रपाल के सामने छात्र मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इस मुलाकात के ज़रिए एस एफ आई ने मुख्य रूप से विश्वविद्यालय में सर्दियों की छुट्टियों के दौरान छात्रावासों को खुले रखने की मांग उठाई।

 

एस एफ आई का मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हर साल दिसंबर महीने में छात्रावासों को बंद करने के फरमान जारी करता है जिसके चलते कई छात्रों को जबरन छात्रावासों से बाहर निकाला जाता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने नवीनीकरण का झूठा हवाला देकर सर्दियों में छात्रावासों को बंद करवाया था।

 

इसके बावजूद किसी भी तरीके का नवीनीकरण छात्रावासों में नहीं करवाया गया। एस एफ आई मानती है कि इस बार जनवरी महीने में नेट व पुलिस की परीक्षा होने के चलते कई छात्र पुस्तकालय की सुविधा को इस्तेमाल करने के लिए विश्वविद्यालय में रुकेंगे। इसी वजह से सफी ने इस साल छात्रावासों को सर्दियों में खुला रखने की मांग की।

इसके अलावा एस एफ आई ने छात्रावासों के रोड निर्माण में आ रही देरी को लेकर, श्रीखंड छात्रावास को जल्द से जल्द खोलने को लेकर व छात्रावासों में वाचनालय की सुविधा दिलवाने को लेकर भी मांग उठाई।

मुख्य छत्रपाल प्रोफेसर आर एल ज़िंटा ने एस एफ आई को आश्वासन दिया दिया के वे इस साल सर्दियों में छात्रावासों को खुला रखने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में ज्यादा पीने के पानी की क्षमता रखने वाली मशीनों का भी प्रबंध कर दिया गया है जिससे छात्रों को पीने के पानी को लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी।

 

उन्होंने यह भी कहा की श्रीखंड छात्रावास की भू वैज्ञानिक रिपोर्ट आ चुकी है और इस रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय के अधिशासी अभियंता अन्य भूवैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करेंगे। मुख्य छात्रपाल ने आश्वासन जताते हुए कहा कि वह श्रीखंड छात्रावास को जल्द से जल्द खोलने की कोशिश करेंगे।

एस एफ आई ने मुख्य छात्रपाल और विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी के अगर उनकी मांगों को उचित समय सीमा के भीतर नहीं पूरा किया गया तो वह इन मुद्दों को आम जनता के बीच ले जाकर प्रशासन के उदासीन रवैया के खिलाफ एक उग्र आंदोलन खड़ा करेगी जिसका जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासन खुद होगा ।