पाक विभाजन इंदिरा ने ही किया था: संदीप सांख्यान

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- इंदिरा जी एक जबरदस्त शख्सियत तो थी ही, पर बलिदान की मूरत भी थी, यह कहना है प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कॉर्डिनेटर संदीप सांख्यान का। उन्होंने का देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व इन्दिरा गांधी जी की जयंती पर विशेष वक्तव्य दिया है,

 

इंदिरा जबरदस्त शख्सियत तो थी ही पर बलिदान की मूरत भी थी: संदीप सांख्यान

 

उन्होंने कहा इंदिरा जी संघर्ष के मार्ग पर चलते हुए देश के आंतरिक और विदेशी मामलों पर निर्णायक भूमिका में रही है। संदीप सांख्यान ने कहा कि बिलासपुर में भी चार बार इंदिरा जी दौरे करके गई थी, पुराने शहर बिलासपुर में इंदिरा जी बतौर प्रधानमंत्री नहीं आई थी, लेकिन अली खड्ड पर बना पुल इंदिरा जी की घोषणा थी।

 

देश की नई दशा की दिशा इंदिरा जी ने ही दी: संदीप सांख्यान

 

 

हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राजत्व का दर्जा भी इंदिरा जी की देन रहा है। इंदिरा जी देश का मस्तक पूरे विश्व मे हमेशा ऊंचा रखा और निर्गुटता के आधार पर भारतवर्ष को नई दिशा दी। संदीप सांख्यान ने कहा इनकी स्कूली शिक्षा शान्तिनिकेतन, विश्व-भारती विश्वविद्यालय, सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से हुई और हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर अच्छी खासी पकड़ के साथ-साथ राजनीति की प्रयोगशाला में बखूबी सही और मार्गदर्शक साबित हुई।

 

 

बिलासपुर में भी चार बार आई थी इंदिरा जी: संदीप सांख्यान

 

उन्होंने कहा कि साल 1964 में राज्यसभा सदस्य बनी, स्व. प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मंत्री रही, स्व.लाल बहादुर शास्त्री जी के देहांत के बाद देश की जनप्रिय प्रधानमंत्री बनी। संदीप सांख्यान ने कहा कि साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में एक निर्णायक जीत व पाक का विभाजन करवा कर बंगला देश बनवा दिया था यही थी इंदिरा जी की कूटनीति।

 

विदेशी और आंतरिक मामलों पर इंदिरा जी की भूमिका थी निर्णायक: संदीप सांख्यान

 

 

उन्होंने कहा कि देश का प्रथम परमाणु परीक्षण, सफल विदेशी कूट नीतिज्ञ, पंचवर्षीय योजनाओं को अमलीजामा पहनना, गरीबी उन्मूलन के बुनियादी कार्यक्रम चलना, देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके जनसाधारण के लिए सुविधाओं का प्रवाह करवाना और औद्योगिक उपक्रमों का सुदृढ़ीकरण इनकी विशेष उपलब्धियों में शामिल रहा है।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा कि तत्कालीन समय में देश का राजस्व भी कम था, देश मे औधोगिक करण भी कम था ऐसे में जमीनी स्तर के फैसले लेकर इंदिरा जी ने विश्व को चौंका कर भारतवर्ष की विकास की नई दिशा दी थी।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा कि कुछ अलगाववादी ताकतों ने पड़ोसी मुल्कों के बहकावे में आकर इंदिरा जी की जान ले अवश्य ली थी लेकिन उन्होंने कभी भी भारतवर्ष को भाषा, क्षेत्र, धर्म, जाति के नाम पर बंटने नहीं दिया बेशक उन्होंने शहादत को गले लगा लिया, ऐसी थी स्व. इंदिरा जी।