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मुख्यमंत्री के तानाशाही और अहंकार के कारण ही हुए उपचुनाव: लखनपाल

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-    बुधवार को हमीरपुर उपचुनाव के जनसंपर्क अभियान के दौरान, बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने नाल्टी सेक्टर की विभिन्न ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के विरुद्ध जमकर प्रहार किए। उन्होंने मुख्यमंत्री पर तानाशाही और अहंकार का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके रवैये के कारण ही आज हिमाचल प्रदेश की जनता को तीन-तीन उपचुनाव झेलने को मिल रहे हैं।

लखनपाल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का व्यवहार न केवल जनप्रतिनिधियों का अपमान है, बल्कि जिन्होंने उनको चुना है उन लोगों का भी अपमान है। उन्होंने कहा, “जब मुख्यमंत्री हमीरपुर के लोकप्रिय विधायक को विधानसभा के अंदर और बाहर अपमानित कर रहे थे, तब हमीरपुर के प्रति उनका यह प्रेम कहाँ था?” लखनपाल ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए कहा कि हमीरपुर की जनता आज जानना चाहती है कि उन्हें किस कारण से उनके चुने हुए प्रतिनिधि का अपमान सहना पड़ा।

इंद्र दत्त लखनपाल ने मुख्यमंत्री पर उनकी विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी राजनीति का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह उन्हें कॉलेज के दिनों से जानते हैं और उनकी राजनीति हमेशा से विभाजनकारी और षड्यंत्रकारी रही है। “आज, जब वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, तो वह विधानसभा के भीतर विधायकों और समाज के जनप्रतिनिधियों में भी अपने इसी रवैये के अनुरूप षड्यंत्र और विभाजन की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं,”।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी के भीतर भी इस प्रकार की राजनीति को जारी रखा है। “पूरे प्रदेश की जनता जानती है कि कैसे मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी के परिवार को हाशिए पर धकेलने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका एक स्पष्ट एजेंडा है कि कैसे वीरभद्र सिंह जी के समर्थकों को साइडलाइन किया जाए,”।

विधायक लखनपाल ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री की इन गतिविधियों से हिमाचल प्रदेश की जनता अब भली-भांति परिचित हो चुकी है और वे इन सच्चाइयों से अनभिज्ञ नहीं हैं। “मुख्यमंत्री के अहंकार और तानाशाही के कारण प्रदेश की जनता आज इन उपचुनावों का सामना कर रही है। यह जनप्रतिनिधियों का नहीं बल्कि उन लोगों का अपमान है जिन्होंने उन्हें चुना और विधानसभा भेजा,” ।

लखनपाल ने हमीरपुर की जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग सोच-समझकर करें और उन नेताओं का समर्थन करें जो वास्तव में जनता की सेवा और प्रदेश के विकास के लिए समर्पित हैं। “हमीरपुर की जनता समझदार है और वे तानाशाही और अहंकारी रवैये को खारिज करेंगे,” ।