हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- जिला में सरकारी और गैर सरकारी भवनों को भूकंप तथा भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से सुरक्षित रखने तथा पुराने असुरक्षित भवनों की आवश्यक मरम्मत एवं रैट्रोफिटिंग के प्रति आम लोगों को जागरुक करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) विशेष प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में वीरवार को यहां हमीर भवन में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला
इस कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग, उच्चतर शिक्षा विभाग, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, बिजली बोर्ड, पुलिस, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के दौरान मुख्य वक्ता राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हेमंत कुमार विनायक ने सभी अधिकारियों को सुरक्षित भवन निर्माण के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आते हैं। पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहां भूस्खलन की भी काफी आशंका रहती है। ऐसी भौगोलिक परिस्थितियों में भवन निर्माण करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
डॉ. हेमंत कुमार विनायक ने प्रतिभागियों को सुरक्षित भवन निर्माण के कई तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने पुराने असुरक्षित भवनों की रैट्रोफिटिंग के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक समीक्षा शर्मा ने मुख्य वक्ता डॉ. हेमंत कुमार विनायक और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा प्राधिकरण की ओर से आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी प्राधिकरण इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करेगी।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के दौरान मुख्य वक्ता राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हेमंत कुमार विनायक ने सभी अधिकारियों को सुरक्षित भवन निर्माण के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आते हैं। पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहां भूस्खलन की भी काफी आशंका रहती है। ऐसी भौगोलिक परिस्थितियों में भवन निर्माण करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
डॉ. हेमंत कुमार विनायक ने प्रतिभागियों को सुरक्षित भवन निर्माण के कई तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने पुराने असुरक्षित भवनों की रैट्रोफिटिंग के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक समीक्षा शर्मा ने मुख्य वक्ता डॉ. हेमंत कुमार विनायक और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा प्राधिकरण की ओर से आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी प्राधिकरण इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करेगी।
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