हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री की टिप्पणी तथ्यों से कोसों दूर है। विशेष रूप से हिमाचल में कर्मचारियों के मुद्दों की बात करने का तो उन्हें कोई नैतिक हक ही नहीं है। ये हक उनसे ही भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने उस दिन छीन लिया था जब विधानसभा के अंदर उन्होंने कर्मचारियों को चुनाव लडने के लिए ललकार लगाई थी।

हिमाचल कर्मचारियों के भाजपा का कार्यकाल एक काला अध्याय

पूरे प्रदेश के किसी भी कर्मचारी से बात करके देखो सबका एकमत है कि वित्तीय लाभों की दृष्टि से भाजपा का कार्यकाल एक काला अध्याय था। संदीप सांख्यान ने कहा कि पहले तो वेतन आयोग को लागू करने के लिए 6 साल लगा दिए और जब दिया तो ऐसे दिया कि हर वर्ग ठगा महसूस करने लगा।

कर्मचारी संगठनों ने खूब दमदार तरीके से जब विसंगतियों का विरोध दर्ज करवाया तो आनन- फानन में संशोधित अधिसूचना निकालने लगे जिससे मुद्दा सुलझने के बजाए और उलझता चला गया। हजारों करोड़ रुपया कर्मचारियों के एरियर का बकाया छोड़ने वाले आज बोलें कि केवल 4% ड़ी ए दिया तो बात हास्यास्पद है।

मैं याद दिलाना चाहूंगा कि ये वही 4 प्रतिशत है जिसकी घोषणा जयराम जी ने पूरे 4 बार की लेकिन कर्मचारियों को दिया नहीं था। बस घोषणाओं से ठगते चले गए थे। कर्मचारी कैसे भूलेगा कि कोविड 19 काल में जो महंगाई भत्ते की तीन किस्तें सिर्फ उसी अवधि के लिए रोकी गईं थीं तत्कालीन हिमाचल की सरकार ने उन किस्तों को सदा के लिए गायब कर दिया।

इस कारण आज हर कर्मचारी को वेतन में 10000 से 15000 रुपए हर महीने कम मिल रहे हैं। कर्मचारी हितैषी होने का जो चोला ओढ़ने की कोशिश बीजेपी ने करी है उसे हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी भली भांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सुक्खू जी के नेतृत्व में कर्मचारियों के लिए जो किया है उसकी गूंज सिर्फ हिमाचल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है।

प्रदेश का कर्मचारी वर्ग करेगा कांग्रेस का समर्थन

कर्मचारियों के वास्तविक दर्द को समझते हुए ओपीएस का ऐतिहासिक फैसला किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि पीढ़ियों की सुरक्षा हेतु लिया गया है । इसके अलावा मैं आम जन की जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री महोदय ने अपने कार्यकाल में जिसमे कि आपदा का सामना भी किया उसमें डेढ़ साल में दो बार 182 श्रेणियों के मानदेय में वृद्धि की है।

प्रदेश के कर्मचारियों को सेवाकाल में दो बार एल टी सी की सुविधा की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। पेंशनरों की लंबित ग्रेच्युटी को भी चरणबद्ध तरीके से भुगतान किया जा रहा है। कर्मचारियों के लंबित एरियर के भुगतान हेतु भी मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से फॉर्मूला निकालने के लिए आदेश दे रखे हैं। संदीप सांख्यान ने कहा कि इसके अलावा एन पी एस का 9000 करोड़ रुपया जो केंद्र सरकार के पास था उसे जारी कर देती यदि कर्मचारियों के दर्द का इतना ही एहसास था।

उन्होंने कहा कि पी टी ए पर लगभग 7500 अध्यापकों को दो वर्ष पहले से यानी 2018 से वित्तीय लाभों के साथ नियमतिकरण का लाभ दिया। जिसके एरियर पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने है। इसकी पहली किस्त 40 प्रतिशत दिसंबर 2023 तक जारी कर दी गई है और दिसंबर 2024 तक दूसरी किस्त जारी करने के आदेश दे दिए गए हैं।
इसमें एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी को भी लगभग 5 लाख रुपए का एरियर दिया जा रहा है।उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी वर्ग इस सभी वित्तिय लाभों से परिचित है जिसका लाभ प्रदेश में हो रहे 6 उपचुनावों और लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की मिलना तय है।