शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद 6 जून को आचार संहिता समाप्त हो गई है। बताते चलें कि देश में 16 मार्च को लोकसभा सहित कई राज्य में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ हिमाचल में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी।
ऐसे में आचार संहिता लागू होने के बाद से 1 जून को मतदान समाप्त होने तक प्रदेश में करीब 77 दिनों की अवधि में 26.23 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध शराब, नकदी, सोना, चांदी, नशीले पदार्थ व अन्य सामान पकड़ा गया है।
हिमाचल प्रदेश में चुनाव शांतिपूर्वक और मतदाताओं को बिना प्रलोभन दिए संपन्न हो, इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से विशेष तैयारियां की गई थी। इसके लिए चुनाव आयोग ने प्रदेश भर में 6 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए थे। इसी तरह से चुनाव के दौरान प्रदेश भर निगरानी रखने के लिए 213 फ्लाइंग स्क्वाड टीमों का गठन किया था। इसके अलावा चुनाव आयोग ने प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक 215 स्टेटिक सर्विलांस टीमें तैनात की गई थी।
वहीं, एक्साइज की 59 टीमें भी प्रदेश भर में हर आने और जाने वाले वाहनों नजर रख रही थी। ऐसे में सभी टीमों के आपसी सहयोग से प्रदेश में ₹26.23 करोड़ से अधिक की अवैध शराब, नकदी, सोना, चांदी, नशीले पदार्थ व अन्य सामान पकड़ा गया है. इसमें अकेले 9 लाख लीटर के करीब अवैध शराब पकड़ी गई।
जिसकी कीमत करीब 12.96 करोड़ आंकी गई है। इसी तरह से इस अवधि में 1.11 करोड़ से अधिक का कैश, 10 करोड़ से अधिक ड्रग्स और अन्य सामान, 11.46 लाख का सोना और चांदी सहित 54 लाख से अधिक के माइनिंग के चालान किए गए हैं।
हिमाचल में इस बार अकेले पिछले दो चुनाव के दौरान हुई जब्ती से दुगने का अवैध शराब, नकदी, सोना, चांदी, नशीले पदार्थ व अन्य सामान पकड़ा गया है। प्रदेश में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 1.82 करोड़ की जब्ती हुई थी।
इसी तरह से वर्ष 2019 के चुनाव में जब्ती का ये आंकड़ा 11.31 करोड़ तक पहुंच गया, लेकिन इस बार लोकसभा और विधानसभा की छह सीटों पर हुए उपचुनाव में जब्ती का ये आंकड़ा 26.23 करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले हुए दोनों लोकसभा चुनाव की तुलना में दुगना है।