शिमला/हिमाचल :- सी पी आई एम ने आज इजरायल द्वारा पिछले एक साल से फिलिस्तीन पर लगातार हमलों और युद्ध में हजारों बेगुनाह लोगों के नरसंहार की कड़ी निंदा करते हुए जिलाधीश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया । प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि पिछले एक साल से इजराइल फिलिस्तीन पर हमले करता आ रहा है ।
इजरायल की स्थापना 1948 में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की मदद से लगभग 7 लाख 50 हजार फिलिस्तीनियों को जबरन निष्कासित करके उन्हें शरणार्थी बनाकर फिलिस्तीन की भूमि पर की गई। इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलों के चलते 45000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए है। जिनमें आधे से अधिक बच्चे और महिलाएं शामिल है।
इजरायल द्वारा अस्पताल स्कूल शरणार्थी शिविर और संयुक्त राष्ट्र की इमारतों पर हमले किए जा रहे हैं ।इजरायल अमेरिकी साम्राज्यवाद की मदद से इन हमलों को अंजाम दे रहा है। अमेरिका ने इसराइल को 124 अरब डॉलर की मदद की है 2016 से अमेरिका द्वारा इसराइल को प्रतिवर्ष 3.8 अरब की सैन्य मदद की जा रही है।
अगस्त महीने में सैन्य उपकरण खरीदने के लिए 5.3 अरब डॉलर की मदद अमेरिका द्वारा इजराइल को दी गई। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अमेरिका, लैटिन अमेरिका, ब्रिटिश और अन्य 57 देशों में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व विशाल मार्च किए गए हैं।
इजराइल में गांजा पर कब्जा कर रखा है फिलिस्तीन राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा है फिलिस्तीन संघर्ष विश्व व्यापी साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष का केंद्र बनता जा रहा है।
वेस्ट बैंक में इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर 500 से अधिक बार हमले किए हैं वहां रहने वाले हजारों फिलिस्तीनि इन हमलों में मारे जा चुके हैं
26 जनवरी 2024 को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला दिया कि फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल का लगातार कब्जा अवैध है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है ।इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए । इस फैसले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश इजराइल को युद्ध सामग्री सहायता देना जारी रखे हैं ।अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बाद भी इसराइल लगातार फिलिस्तीन पर हमले कर रहा है। इसराइल लेबनान और अमन पर भी हमला कर रहा है जो विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है ।
भारत ने हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थन किया और फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा रहा। हमारा देश आजादी के बाद से लगातार इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमलो व उसकी धरती पर कब्जा करने का विरोध करता आ रहा है।
भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों की निंदा करने का बयान तक नही दिया ।भाजपा सरकार का यह फैसला भारत की विदेश नीति के खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी पहली बार इसराइल गए आज तक हमारे देश कोई प्रधानमंत्री इसराइल नहीं गया । मोदी सरकार इजरायली हमले की निंदा इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि अदानी ने इजरायली हथियार कंपनियों और बंदरगाहों में बहुत बड़ा निवेश किया है एडिल कंपनी और अडानी मिलकर हैदराबाद में हथियार और ड्रोन बना रहे हैं। भारत से इसराइल को हथियार निर्यात किय जा रहे हैं ।अडानी की कंपनियां हथियार के निर्यात में शामिल है । प्रधानमंत्री मोदी इसलिए इजरायल के खिलाफ बयान नहीं दे पा रहे हैं। सीपीआईएम मोदी सरकार के फिलिस्तीन विरोधी रवैये की कड़ी निंदा करती है। सीपीएम मांग करती है कि फिलीस्तीन पर इजरायली हमलों को तुरंत रोका जाए बच्चों ,महिलाओं समेत हजारों फिलिस्तीनी जनता का नरसंहार बंद किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी को भारत की विदेश नीति के तहत फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा होना और इजरायली हमले के खिलाफ बयान देना चाहिए ।भारत सरकार को इजरायल के लिए ड्रोन और हथियारों के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाना चाहिए। विश्व शांति को बनाए रखने के लिए तुरंत युद्ध पर रोक लगाई जाए। प्रदर्शन में सीपीएम लोकल कमेटी सचिव जगतराम,राज्य सचिवालय सदस्य डा कश्मीर ठाकुर, बिजेंदर मेहरा ,बालक राम, जगमोहन ठाकुर,अनिल ठाकुर सरिता रितेश अंकुश कपिल राजेंद्र चौहान आदि ने भाग लिया।